'आपदा के समय हिमाचल को केंद्र सरकार ने एक भी पैसा नहीं दिया', विक्रमादित्य ने जमकर साधा निशाना

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तीसरे चरण में उन ठेकेदारों को सड़कों के निर्माण का काम नहीं दिया जाएगा जिन्होंने पहले दिया काम पूरा नहीं किया है। पीएमजीएसवाई के दूसरे चरण की अभी 170 सड़कों का काम पूरा नहीं हो सका है। इन ठेकेदारों को सरकार ने डिफॉल्टर मान लिया है।

शिमला स्थित राज्य सचिवालय में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वर्ष 2005 से 2023 तक पीएमजीएसवाई के दो चरण हुए हैं। इनमें कई सड़कों का काम संतोषजनक नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि 2600 करोड़ रुपये के तृतीय चरण का प्रोजेक्ट हिमाचल में शुरू होने जा रहा है, जिससे पहले डिफाल्टर ठेकेदारों को काम नहीं दिया जाएगा।

जनवरी से निर्माण कार्य चालू हो जाएगा

आगे बोले कि सरकार पुराना काम पूरा होने के बाद ही ऐसे ठेकेदारों के बारे में सोचेगी। तृतीय चरण के टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जनवरी से निर्माण कार्य चालू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि विधायक प्राथमिकता योजना के तहत भी 30 सड़कें ऐसी हैं, जिनका काम समय पर पूरा नहीं हुआ है और धीमी गति से किया जा रहा है। ऐसे ठेकेदारों पर भी पांच प्रतिशत पेनाल्टी लगाई जाएगी। इसके दायरे में भी कई ठेकेदार आने वाले हैं।

30 करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे

विक्रमादित्य ने बताया कि विभाग ने 30 करोड़ रुपये से नए उपकरण खरीदे हैं। इसमें 264 जेसीबी, बोलेरो गाड़ियां व टिप्पर शामिल हैं। विभाग के पास जो वाहन थे वे 15 साल पूरा कर चुके हैं। इस कारण से आपदा के दौरान काम करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। विभाग ने 18 बैली ब्रिज सामग्री भी खरीद ली है। इस समय कहीं भी आपदा आती है तो बैली ब्रिज लगाकर ट्रांसपोर्ट को सुचारू बनाया जा सकता है। सभी तरह की खरीद जैम पोर्टल से की गई है ताकि पूरी पारदर्शिता रहे।

जयराम बताएं, किस बात के लिए किया केंद्र का धन्यवाद

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को घेरते हुए विक्रमादित्य ने कहा कि उन्हें प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि आखिर वह केंद्र सरकार का किस बात के लिए धन्यवाद करने गए थे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी यहां आपदा के समय में आए। उन्होंने जो घोषनाएं कीं, उसमें एक भी पैसा प्रदेश को नहीं मिला है। मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड के लिए 275 करोड़ रुपये देने का वादा किया, वो पैसा भी नहीं दिया। कमांद रोड व चैलचौक रोड के लिए 55 करोड़ रुपये बोले थे, वो भी नहीं दिए। सेतु वंदनम योजना में 100 करोड़ रुपये देने को कहा, वे भी नहीं आए। एनएच के साथ लगती सड़कों को 50 करोड़ देने थे, यह राशि भी नहीं आई। ऐसे में जयराम ठाकुर किस बात के लिए आभार जता रहे हैं। हिमाचल सरकार ने आपदा में स्वयं काम किया और बेहतर काम किया है।

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