पहले दिव्यांगों के लिए दो व तीन नंबर सीट आरक्षित होती थी। ये सीटें आगे होती हैं, जहां पर बैठने में दिक्कत पेश आती थी। कई बार आगे बसों में टायर व अन्य सामान रखा होता है। निगम के चालक व परिचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि दिव्यांगों को बसों में चढ़ाएं व उनके बैठने के लिए रखी गई आरक्षित सीट भी उन्हें उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें।
दिव्यांगों के लिए सीटें आरक्षित करने का प्रवधान है
एचआरटीसी की बसों में दिव्यांगों के लिए सीटें आरक्षित करने का प्रवधान है। प्रदेश सरकार की नीति के अनुसार 40 प्रतिशत से ऊपर दिव्यांगता वाले लोगों के बस पास भी बने हैं, जिन्हें दिखाने पर उन्हें निश्शुल्क यात्रा सुविधा एचआरटीसी की बसों में मिलती है।
बसों में दिव्यांगों को आरक्षित सीटों पर बैठाने में अनदेखी की जाती है
यह देखने में आया है कि एचआरटीसी की बसों में दिव्यांगों को आरक्षित सीटों पर बैठाने में अनदेखी की जाती है व यदि कोई दिव्यांग बस में यात्रा कर भी रहा हो तो उसे आरक्षित सीट नहीं मिलती। दिव्यांगों के लिए आरक्षित सीटों पर अन्य लोगों का ही कब्जा रहता है। ऐसी शिकायतें भी समय समय पर निगम प्रबंधन के पास आती रहती हैं। निगम प्रबंधन ने अब सीट बदलने के साथ ही दिव्यांगों का नियमानुसार आरक्षित सीटें उपलब्ध करवाने के निर्देश लिखित रूप से दे दिए हैं।
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