बाहरी राज्यों से पढ़ाई कर बने शिक्षकों की जांचीं जाएंगी डिग्रियां व सर्टिफिकेट

बाहरी राज्यों से पढ़ाई कर हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले टीजीटी, सीएंडवी और स्कूल प्रवक्ता न्यू की डिग्रियों और सर्टिफिकेट की जांच की जाएगी। कुछ शिक्षकों की फर्जी डिग्रियां मिलने के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय ने इस बाबत निर्देश जारी किए हैं। जिला शिक्षा उपनिदेशकों को अपने स्तर पर जांच पूरी कर निदेशालय में रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है। बीते दिनों कुछ शिक्षकों के पास बिहार की मगध यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियां मिलने पर निदेशालय ने संज्ञान लिया है। प्रदेश में कुछ शिक्षकों के पास फर्जी डिग्रियां होने की शिकायत को लेकर विजिलेंस जांच कर रही है। बीते दिनों विजिलेंस की टीम ने बिहार के मगध विश्वविद्यालय में जाकर जब इन डिग्रियों की पड़ताल की तो वे फर्जी निकलीं।

विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इन डिग्रियों को फर्जी करार दिया है। विजिलेंस टीम ने इस बाबत कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। इसी कड़ी में अब शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी कर शिक्षकों की डिग्रियों और सर्टिफिकेट को जांचने के निर्देश दिए हैं। उपनिदेशकों को पहले चरण में देखना होगा कि कितने शिक्षकों की डिग्रियां और सर्टिफिकेट बाहरी राज्यों से हैं। ऐसे शिक्षकों की डिग्रियाें और सर्टिफिकेट को संबंधित विश्वविद्यालय से क्रास चेक करवाने को कहा है। इस पूरी प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अभी तक शिकायतों के आधार पर ही डिग्रियाें और सर्टिफिकेट की जांच की जाती रही है। अब विभाग ने अपने स्तर पर सभी शिक्षकों की डिग्रियाें और सर्टिफिकेट की जांच करवाने का फैसला लिया है।


अभी बाहरी राज्यों से डिग्रियां हासिल कर प्रदेश के स्कूलों में बतौर शिक्षक सेवाएं देने वालों की डिग्रियां और दस्तावेज जांचे जाएंगे। इसके बाद प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थानों से डिग्रियां हासिल कर स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की भी डिग्रियों की जांच की जाएगी, जिससे यह पता चलेगा कि कहीं फर्जी डिग्रियां लेकर लोगों ने शिक्षक की नौकरी तो नहीं हासिल कर ली। - डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा उच्च शिक्षा निदेशक

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