एबीवीपी ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से छात्रों को किया जागरूक, आरकेएमवी और संजौली में कार्यक्रम
शिमला – अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शिमला नगर इकाई द्वारा शिमला के राजकीय कन्या महाविद्यालय और संजौली महाविद्यालय में संगोष्ठी और नुक्कड़-नाटक का आयोजन किया गया। संगोष्ठी और नुक्कड़-नाटक के माध्यम से लोगों को समरसता के प्रति जागरूक किया गया। वही दूसरी और नगर इकाई द्वारा आईटीआई चौड़ा मैदान शिमला में संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यातिथि सुमित शिमला नगर उपाध्यक्ष, कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में राजेंद्र और मुख्य वक्ता राजेश शर्मा उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता ने अपने वक्तव्य में कहा कि डा. बाबा साहेब आंबेडकर की अद्वितीय प्रतिभा अनुकरणीय है। वे एक मनीषी, योद्धा, नायक, विद्वान, दार्शनिक, वैज्ञानिक, समाजसेवी एवं धैर्यवान व्यक्तित्व के धनी थे। वे अनन्य कोटि के नेता थे, जिन्होंने अपना समस्त जीवन समग्र भारत की कल्याण कामना में उत्सर्ग कर दिया। खासकर भारत के 80 फीसदी दलित सामाजिक व आर्थिक तौर से अभिशप्त थे, उन्हें अभिशाप से मुक्ति दिलाना ही डा. आंबेडकर का जीवन संकल्प था। डा. आंबेडकर का लक्ष्य था, सामाजिक असमानता दूर करके दलितों के मानवाधिकार की प्रतिष्ठा करना। डा. आंबेडकर ने गहन-गंभीर आवाज में सावधान किया था। 26 जनवरी 1950 को हम परस्पर विरोधी जीवन में प्रवेश कर रहे हैं। हमारे राजनीतिक क्षेत्र में समानता रहेगी किंतु सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में असमानता रहेगी। जल्द से जल्द हमें इस परस्पर विरोधता को दूर करना होगी। ऐसा न हो, तो असमानता के शिकार होंगे, वे इस राजनीतिक गणतंत्र के ढांचे को उजाड़ देंगे। विद्यार्थी परिषद नगर मंत्री निखिल ठाकुर ने बताया कि विद्यार्थी परिषद हर वर्ष सामाजिक समरसता के रूप में कार्यक्रम कराती है उसी के तहत शनिवार को आईटीआई चौड़ा मैदान में संगोष्ठी और संजौली और राजकीय कन्या महाविद्यालय में नुक्कड़-नाटक का का आयोजन किया गया।
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Courtsey: Divya Himachal
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