परिवहन मंत्री के साथ बैठक में लिया फैसला, सिंगल विंडो पर ली जाएगी कानूनी राय
शिमला –बसों के परिवर्तित करने की उम्र सात वर्ष से बढ़ा कर 12 वर्ष कर दी गई है। यह निर्णय शनिवार को निजी बस आपरेटरों की परिवहन मंत्री के साथ हुई बैठक में लिया गया है। बैठक में निजी बस आपरेटरों ने मांग उठाई कि बसों की रिप्लेसमेंट की उम्र सात वर्ष रखी गई है। अगर पुराना मालिक उस बस को निरंतर अपने परमिट पर चलाना चाहे, तो वह 20 वर्ष भी चला सकता है। इसलिए हिमाचल में बस की उम्र कम से कम 15 वर्ष निर्धारित की जानी चाहिए। जिस पर बसों को परिवर्तित करने की उम्र 12 साल करने का निर्णय लिया गया है। निजी बस आपरेटर यूनियन के महासचिव रमेश कमल ने बताया कि बैठक में सिंगल विंडो सिस्टम द्वारा टैक्स लगाने का मामला भी उठाया गया। उन्होंने कहा कि हिमाचल में भी पंजाब की तर्ज में उक्त व्यवस्था की जाए। पंजाब में निजी बसों पर एक ही तरह का रोड टैक्स लगाया गया है, जबकि हिमाचल प्रदेश में टोकन टैक्स और विशेष पथ कर के रूप मे दो तरह के टैक्स लगाए गए हैं, जो कि तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने परिवहन मंत्री से हिमाचल मे भी सिंगल विंडो सिस्टम के द्वारा एक ही टैक्स लगाने का प्रावधान करने की मांग उठाई, जिस पर यूनियन को आश्वासन दिया गया कि इस पर कानूनी राय ली जाएगी। उसके पश्चात ही कोई निर्णय लिया जाएगा। रूट परमिट को एक आपरेटर से दूसरे आपरेटर को बस को हस्तांतरण करने पर भी जल्द फैसले लेने का आश्वासन दिया गया। बैठक में यूनियन ने हिमाचल प्रदेश के हर जिले में चल रही जेएनएनयूआरएम की बसों का मामला भी उठाया। यूनियन के पदाधिकारियों को आरोप है कि उक्त बसें नियमों को ताक पर रखकर चल रही हैं। महासचिव रमेश कमल ने बताया कि विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया गया कि इन बसों के संचालन के लिए एक पालिसी बनाई जाएगी। बैठक में परिवहन विभाग के निदेशक सहित निजी बस आपरेटर यूनियन के पदाधिकारी मौजूद रहे।
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Courtsey: Divya Himachal
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