
नगरनिगम शिमला के वार्ड 25 से 34 हो गए हैं। दायरा बढ़ने के साथ ही कामकाज भी पहले से अधिक बढ़ गया है, लेकिन कर्मचारी घट गए हैं। सरकार ने निगम का दायरा बढ़ाने में तो गंभीरता दिखाई है, लेकिन बढ़े कामकाज के हिसाब से कर्मचारियों की भर्ती नहीं की जा रही है। हालात यह है कि कर्मचारी कम होने के कारण तो विकास कार्य की निगरानी हो रही है और ही अवैध निर्माण पर नजर रखी जा रही है। दायरा जितना बढ़ा है, उस हिसाब से एमसी शिमला को करीब 900 कर्मचारियों की और आवश्यकता है, तभी जनता के काम सही समय पर होंगे और अवैध निर्माण पर रोक लगाना भी संभव हो पाएगा। निगम स्टाफ की कमी बनी रहने से शहर के लोगों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध नहीं करवा पाएगा। नगर निगम शिमला के पास शहर में पेयजल आपूर्ति एवं डिस्ट्रीब्यूशन के अलावा सफाई की बड़ी जिम्मेदारी है। ये दोनों ही काम स्टाफ के बिना सुचारु रूप से नहीं चल सकते हैं। इसके अतिरिक्त टैक्स कलेक्शन, सड़कों के निर्माण एवं उनके रखरखाव के लिए भी पर्याप्त कर्मचारी होने चाहिए। मिनिस्ट्रियलस्टाफ के 60 पद खाली: मिनिस्ट्रियलस्टाफ के 60 पद लंबे समय से रिक्त हैं। इन रिक्त...
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source: Dainik Bhaskar
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