राज्यके सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए शुरू की गई संचायिका योजना को 46 सालों के बाद बंद कर दिया गया है। स्कूली छात्रों में सेविंग (बचत) की आदत डालने के लिए शुरू की गई इस योजना को वर्ष 1970 में शुरू किया गया था। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इस योजना को पूरे देश में शुरू किया था। योजना के तहत हर महीने बच्चों से फीस के साथ कुछ अमाउंट लिया जाता था। इस अमाउंट को पोस्ट ऑफिस में जमा कर दिया जाता था। अमाउंट काफी होता था। स्कूल पास आउट होने या फिर बीच में छोड़ने के दौरान स्टूडेंट 2 फीसदी ब्याज के साथ संचायिका के अमाउंट को विड्रॉ कर सकते थे। स्कूल ही पैसे जमा करने से लेकर विड्रॉ करने का कार्य करते थे। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने हाल ही में सभी राज्यों को सर्कुलर जारी कर योजना को बंद करने के निर्देश दिए थे। मंगलवार को उच्चतर शिक्षा विभाग ने इस की अधिसूचना जारी कर दी है। छठी से बारहवीं कक्षा तक ये योजना थी। संचायिका योजना को शुरू करने का मकसद बच्चों में सेविंग की आदत डालना था। अमाउंट को लेकर कई बार बदलाव किया गया। पांच और दस रुपए भी इसमें तय किए गए। लेकिन कुछ...
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source: Bhaskar
छात्रों में सेविंग की आदत के लिए शुरू की संचायिका योजना 46 साल बाद बंद
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