पक्की नौकरी को छोड़ा खाना-पानी


शिमला — एचपीयू के एकीकृत हिमालयन अध्ययन संस्थान में कार्यरत शोध अधिकारियों ने मांगों को लेकर सांकेतिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है। शोध अधिकारियों ने विवि प्रशासन पर मांगें न मानने का आरोप लगाया है। पहले दिन डा. बलदेव नेगी, डा. नितिन ब्यास, डा. पवन अत्री, कुलदीप मनु सिंह, डा. पंकज गुप्ता व विजय कुमार क्रमिक भूख हड़ताल में शामिल हुए। संस्थान के निदेशक ने शोध अधिकारियों से बातचीत कर आंदोलन वापस लेने का आह्वान किया। शोध अधिकारियों ने प्रशासन को दो टूक चेतावनी दी कि जब तक प्रशासन नियमितीकरण के आदेश जारी नहीं कर देता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। यह संस्थान यूजीसी का उत्कृष्ट केंद्र है, जिसे 2002 में स्थापित किया गया था। संस्थान में वर्तमान में 14 शोध कर्मचारी कार्यरत हैं। अधिकारियों का आरोप है कि आठ-दस सालों से वे संस्थान में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा इस बाबत विवि ने 12 जुलाई, 2013 को कमेटी का गठन किया है। कमेटी अपनी रिपोर्ट ईसी को दे चुकी है। नवंबर, 2013 में हुई ईसी में इसे मंजूरी भी दी जा चुकी है। बावजूद इसके अभी तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है। अधिकारियों का कहना है कि यदि प्रशासन कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाता है तो सांकेतिक भूख हड़ताल क्रमिक अनशन और आमरण अनशन में तबदील होगी।







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