खाली खजाने से बरसाया धन


newsशिमला — मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शुक्रवार को सदन में पेश किए गए बजट को लोक हितकारी करार दिया। पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनावों से पहले धूमल सरकार अनावश्यक देनदारियां छोड़ गई थी। खजाना खाली था, बावजूद इसके मौजूदा बजट में लोगों को राहत देने का हर संभव प्रयास किया गया है। पिछली सरकार चुनावों के मद्देनजर अनावश्यक खर्च पर पानी की तरह पैसा खर्च करती रही, जिससे दिक्कतें पेश आईं। यही नहीं, 13वें वित्तायोग ने अन्य राज्यों से उलट हिमाचल की अनदेखी की। उस वजह से भी प्रदेश को आर्थिक दिक्कतों से दो-चार होना पड़ा। अब मौजूदा सरकार संसाधन जोड़ने पर जोर दे रही है। विकास के काम करने हैं। यदि सरकार के पास ज्यादा संसाधन होते तो राहत देने का और ज्यादा प्रयास होता। औद्योगिक क्षेत्र में पूंजी निवेश बढ़ाने के लिए हर संभव कदम उठाया गया है। डा. यशवंत सिंह परमार स्वरोजगार योजना के तहत प्रदेश के 20 हजार किसानों को पहले चरण में लाभ देने का संकल्प है। नाबार्ड की सहायता से इसे सिरे चढ़ाया जाएगा। दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी महंगाई के दौर में 170 रुपए की जा रही है।



पतझड़ के जख्मों को मौसम सहलाने लगे


दरख्तों पर नए पत्ते नजर आने लगे।


समंदर को गुमान है, गर तूफां उठाने का,


तो हमें भी शौक है, कश्ती वहीं चलाने का।


उन्होंने यह भी कहा कि अधिक संसाधन जुटाने के लिए नई सोच व कारगर सुझाव देने वालों को प्रोत्साहित करेंगे…


वो मुंतजिर नहीं है, दरिया के खुश्क होने का,


वो रोज तैर के दरिया को पार करता है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने हर वर्ग का ध्यान रखा है। महंगाई का भी उन्हें ख्याल है…


मेरे प्रदेश में हुनर के लिए धन बरसेगा


हुनरमंद न अब कोई रोजगार को तरसेगा।


मुख्यमंत्री ने बजट का समापन यह कहकर किया


साथियो दूर है अभी मंजिल, और कुछ वेग से बढ़ाएं कदम, लाख तूफान रास्ता रोकें, जाके मंजिल पर ही रुकें हम।






from Divya Himachal

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