तानाशाही से राज कर रहे वीरभद्र सिंह


शिमला — भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सत्तपाल सत्ती ने कहा है कि हिमाचल में लोकतंत्र की हत्या की जा चुकी है और तानाशाही चरम पर है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह एक तानाशाह व निरंकुश शासक की तरह व्यवहार कर रहे हैं व अपने राजनीतिक विरोधियों को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पहले भाजपा नेताओं को प्रताडि़त करते रहे हैं और अब वह अपनी ही पार्टी के नेताओं को भी नहीं बख्श रहे। उनके इस व्यवहार से उनके ही पार्टी के नेता इस कद्र परेशान हैं कि एक के बाद एक त्यागपत्र दे रहे हैं। पहले जीएस बाली फिर राजेश धर्माणी और अब आशा कुमारी का त्यागपत्र इसका प्रमाण है। कांग्रेस नेता कुलदीप राठौर के प्रति उनका दुर्व्यवहार उनके तानाशाही रवैये का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह प्रदेश का शासन इस तरह चला रहे हैं जैसे वह किसी रजवाड़े के शासक हों। कोई भी व्यक्ति जो उनकी गलत बात के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे कुचलने का प्रयास करते हैं। वह यह भूल रहे हैं कि वह इस प्रदेश के महाराज न होकर लोकतांत्रिक सरकार के मुखिया हैं और उन्हें लोकतांत्रिक परंपराओं का निर्वहन करना होगा। भाजपा का मानना है कि वीरभद्र सिंह का यह व्यवहार कांग्रेस का आंतरिक मामला है, परंतु इससे प्रदेश की लोकतांत्रिक परंपराओं को गहरा आघात पहुंच रहा है, क्योंकि जनता ने उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी प्रदेश के विकास के लिए सौंपी है न कि व्यक्तिगत शत्रुता निकालने लिए।







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