शिमला — सफाई कामगार-वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने मकानों के कब्जों को नियमित करने की मांग मुख्यमंत्री से की है। वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने इस समस्यां को लेकर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन की प्रति को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग, सांसद प्रतिभा सिंह, पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा कौल सिंह ठाकुर, प्रकाश चौधरी, सुधीर शर्मा व भूमिहीन अधिकार अभियान मंच को सौंपा। अशोक कुमार, संजय कुमार, विशंबर लाल, मुंशी राम, राजेश लाल, चंद्रवीर, आसा राम, जगपाल, बालक राम, सुखदेव शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 1950 के दशक में सफाई के विशेष कार्य के लिए उन लोगों को लाया था। उन्होंने कहा कि साठ वर्ष पूरे हो गए हैं, लेकिन सफाई कामगार-वाल्मीकि समुदाय के व्यक्ति को सरकार या जिला प्रशासन द्वारा कहीं पर भी नहीं बसाया गया। लोगों ने अपनी सारी उम्र की कमाई लगाते हुए रहने के लिए शहर के साथ बेकार बंजर भूमि व नदी-नालों के आसपास आशियाने बनाए। नगर निगम न्यायालय का हवाला देकर उन्हें नोटिस देकर व गिराने का कार्य कर उन्हें प्रताडि़त करती रही। उन्होंने कहा कि इस आदेश के माध्यम से 150 के करीब परिवारों से उनके आवास के अधिकार उनसे छीन जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में महार्षि वाल्मीकि जयंती के मौके पर समाज को दो बिस्वा जमीन और मकान निर्माण के लिए विशेष आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की बेघर सफाई कामगारों के आशियाने तोड़ने की कार्रवाई बंद करे, प्रत्येक बेघर सफाई कामगार और अन्य गैर कृषक परिवार की महिला के नाम से आवास के लिए कम से कम 600 गज भूमि दी जाए।
source: DivyaHimachal
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