सैंज — उत्तरी भारत के सात राज्यों के लिए ऊर्जा ट्रांसमिशन कंपनी में पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया की ओर से राष्ट्र को एक सौगात वाली खबर है। पावर ग्रिड निगम हिमाचल के पर्वतों के सहारे भारत वर्ष को अधिकार से प्रकाशमय करने को तैयार है। गत दिनों पावर ग्रिड निगम ने बिजली लाइन में टेस्ट करवा कर ट्रांसमिशन लाइन को अंतिम रूप देकर सफलता के झंड़े गाड़ दिए तथा पावर ग्रिड निगम के तमाम अधिकारी फूले नहीं समाए। पावर ग्रिड के उपमहाप्रबंधक अशोक कुमार ने ‘दिव्य हिमाचल’ को बताया कि पावर ग्रिड निगम ने बनाला से अमृतसर तक ट्रांसमिशन लाइन को दुरुस्त कर 13 जुलाई को टेस्टिंग करने के बाद अब अंतिम रूप प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 400 केवी क्षमता वाली इस ट्रांसमिशन लाइन से जगह-जगह स्थापित विद्युत टावरों से उत्तरी ग्रिड तक बिजली आपूर्ति की जाएगी तथा बनाला से अमृतसर तक ट्रांसमिशन लाइन पहुंचाने के लिए मंडी, हमीरपुर, ऊना, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला आदि शहरों से गुजर कर उत्तरी ग्रिड अमृतसर तक पहुंचाई जाएगी। पावर ग्रिड के उपमहाप्रबंधक ने बताया कि खास बात यह है कि प्रदेश के पहाड़ों से उत्तरी भारत के सात राज्यों को प्रकाशमय करने के मकसद से बनाई गई ट्रांसमिशन लाइन को आबादी वाले क्षेत्रों से दूर तथा सैकड़ों पेड़ों को बचाते हुए उत्तरी ग्रिड अमृतसर तक सफलतापूर्वक पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि एक हजार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली ये बिजली लाइनें बिलकुल तैयार हैं तथा निगम के इस संबंध में भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय को भी अपनी रिपोर्ट भेज दी है। पावर ग्रिड निगम ने टावर लाइन के आसपास बसे ग्रामीणों को मीडिया के जरिए सूचित किया है कि बिजली तारों को छूना, पेड़-पौधों या टावर पर चढ़ना जानलेवा हो सकता है। अतः चेतावनी का पालन करें। पावर ग्रिड किसी भी प्रकार की घटना के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। बहरहाल पावर ग्रिड निगम ने बिजली ट्रांसमिशन लाइन को सफलतापूर्वक पास कर राष्ट्र को समर्पित करने की तैयारी कर ली है। उत्तरी भारत के पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल सहित केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ आदि राज्य इस बिजली लाइन से लाभान्वित होंगे।
source: DivyaHimachal
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