बिलासपुर — फायर सीजन के दौरान अब संवेदनशील व अतिसंवेदनशील वन सुरक्षित रहेंगे। इस बाबत वन विभाग नई गाइडलाइन तैयार कर रहा है। निजी घासनियों से सटे जंगलों को आग से सुरक्षित रखने के लिए ग्रीन बैल्ट लगाने का निर्णय लिया गया है। निजी घासनियों व जंगलों के बाउंडरी एरिया में एवर ग्रीन पौधे रोपे जाएंगे। एवर ग्रीन पौधों की खासियत यह है कि इन पौधों के पत्ते किसी भी मौसम में नहीं गिरते हैं। ऐसे में गर्मियों के मौसम में निजी घासनियों में आग लगाए जाने पर ये पौधे जंगलों की सुरक्षा करेंगे। जानकारी के मुताबिक वन विभाग ने हाल ही में जंगलों से सटी निजी घासनियों का डाटाबेस तैयार किया है। प्रदेश में कुल सवा चार लाख हेक्टेयर एरिया वन विभाग के अधीन आता है, जिसमें एक लाख 70 हजार हेक्टेयर एरिया चील के जंगलों से घिरा हुआ है। इसके अलावा प्रदेश में 9369 हेक्टेयर फायर सेंसेटिव एरिया निजी घासनियों से सटा हुआ है। आग के लिहाज से सबसे ज्यादा संवेदनशील हमीरपुर, मंडी, नाहन, धर्मशाला और बिलासपुर सर्किल हैं। इन सर्किल में आग घटनाओं की रोकथाम के लिए हर साल व्यापक प्रबंध किए जाते हैं। अब यहां विभाग नई योजना के तहत बाउंडरी एरिया में ग्रीन बैल्ट उगाने जा रहा है। विभाग इसके लिए फायर सेंसेटिव एरिया को चिन्हित कर गाइडलाइन तैयार कर रहा है और प्रदेश सरकार की अप्रूवल मिलने पर यह योजना क्रियान्वित की जाएगी। अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल (फोरेस्ट प्रोटेक्शन एंड फायर कंट्रोल) अवतार सिंह ने बताया कि सरकार की मंजूरी मिलने पर निजी घासनियों से सटे प्रदेश के वनों की बाउंडरी पर ग्रीन बैल्ट लगेगी।
source: DivyaHimachal
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