शक्तियां छिनने से बिफरे पदाधिकारी


मंडी — हिमाचल प्रदेश शहरी निकायों के निर्वाचित अध्यक्षों और उपाध्यक्षों ने शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वित्तीय शक्तियों को लेकर शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जिस तरह नगर परिषद व नगर पंचायतों के अध्यक्षों व उपाध्यक्षों को वंचित किया गया, यह कांग्रेस को मंडी संसदीय उपचुनाव में भारी पड़ सकती है। नगर परिषद व नगर पंचायत के अध्यक्षों को पूर्व भाजपा सरकार ने 20 अप्रैल, 2002 को वित्तीय शक्तियां प्रदान की थीं। इसके तहत नगर परिषद में होने वाले विकास कार्यों व वित्तीय लेन-देन पर नगर परिषद व नगर पंचायत के कार्यकारी अधिकारी के साथ अध्यक्ष के हस्ताक्षर भी चेक पर करने के आदेश दिए थे, जिससे प्रदेश भर के शहरी निकाय के प्रतिनिधियों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। 2002 से लेकर जनवरी, 2013 तक नगर परिषद के अध्यक्ष वित्तीय लेन-देन में पूर्ण भागेदारी निभाते रहे, लेकिन फरवरी 2013 को निदेशक शहरी विकास मंत्रालय के कार्यालय से जो अधिसूचना जारी हुई, उसके तहत नगर परिषद और नगर पंचायत के अध्यक्षों की वित्तीय पावर को छीन लिया गया।







source: DivyaHimachal

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