अहंकार से मनुष्य का विवेक नष्ट हो जाता है : रमाकात


जागरण संवाद केंद्र, अमलैहड़ : महाराज श्रीश्री सुग्रीवानंद के आशीर्वाद से चल रही श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के चौथे दिन रमाकात गोस्वामी जी ने वामनावतार का वर्णन करते हुए कहा कि मनुष्य अहंकार से सबसे दूर हो जाता है। अहंकार से मनुष्य का विवेक नष्ट हो जाता है। उन्होंने कहा कि राजा बलि सा कोई नहीं गिना जाता था। उसके अहंकार का दमन के लिए ने वामनावतार लिया। जब भी इस धरती पर पाप बढ़ता है तब परमपिता परमात्मा इस धरती पर अवतार लेते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण अपने भक्तों पर आने विपदा से उनकी रक



source: Jagran

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