कुल्लू — जिला कुल्लू के ऊझी घाटी में पिछले दो दिनों से सुबह के समय रोजाना बारिश हो रही है। पिछले दिनों से क्षेत्र में आधा एक घंटे तक रोजाना बारिश पड़ रही है। ऊझी घाटी के सहित अन्य क्षेत्रों में बारिश से यहां का वातावरण कूल-कूल बना हुआ है। बारिश के चलते सेब सहित नाशपती और पलम के मुरझाए पेड़ों में नई जान आ रही है, जिसके चलते घाटी के किसान व बागबान के चेहरे भी अब खिल उठे हैं। बता दें कि इन दिनों की बारिश के चलते नाशपती की फसल का आकार काफी अच्छी तरह से विकसित हो जाएगा, जिसके चलते बागबानों को नाशपती फसल से काफी लाभ मिलेगा। इस साल ऊझी घाटी के क्षेत्र में सेब, नाशपती व पलम की फसल काफी अच्छी है। घाटी के मोहन चंद, किरण, दास, महेंद्र राम, रमन दास, मनी राम, विक्रम सिंह और बले राम बागबानों का कहना है कि पिछले कई माह से जिला कुल्लू व ऊझी घाटी के इलाकों में तपती गर्मी चल रही थी, जिसके चलते क्षेत्र में तैयार हो रही नकदी फसलें अधिकतर सूखे की चपेट में आनी शुरू हो गई थीं। बता दें कि बारिश न होने के कारण अधिकतर घाटी के बागबानों ने अपने अराध्य देवी-देवताओं के दरवारों में दस्तक तक भरनी शुरू की थी। घाटी के बले राम ने बताया कि जिला कुल्लू सहित ऊझी घाटी के अधिकतर लोग अपने देवी-देवताओं पर विश्वास करते हैं। घाटी के उक्त बागबानों व किसानों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के चलते क्षेत्र का तापमान सुबह के समय कूल-कूल बना हुआ है, लेकिन सुबह के समय ही सिर्फ बारिश होने के चलते दिन को अभी भी तपती गर्मी पड़ रही है। जो अभी भी दिन के समय किसानों के पसने बहा रही है। बागबानों ने बताया कि तपती गर्मी से जो पेड़-पौधे मुरझाने शुरू हो गए थे। वह बारिश के दौरान दोबारा से हरे भरे होने शुरू हो रहे हैं। जिला कुल्लू उद्यान विभाग कुल्लू उपनिदेशक बीसी राणा ने बताया कि इन दिनों पेड़-पौधों को बारिश की काफी जरूरत है। बारिश के चलते नाशपती के पेड़ों में लगे नाशपती फल भी खूब विकसित होगा, जिससे किसानों को खूब लाभ मिलेगा।
source: DivyaHimachal
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