बिलासपुर — प्रदेश राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने प्राथमिक सहायकों को ग्रामीण विद्या उपासकों की तर्ज पर नियमित करने की मांग उठाई है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष लालचंद मेहता और प्रेस सचिव अनिल ठाकुर ने रविवार को कहा कि पैट की नियुक्ति ग्रामीण विद्या उपासकों की तर्ज पर 2005 में हुई थी। ग्रामीण विद्या उपासकों को अनुबंध शिक्षकों का दर्जा देकर वर्ष 2011 में उन्हें नियमित भी कर दिया गया, लेकिन पैट को आज तक नियमित नहीं किया जा सका है। सैकड़ों प्राथमिक शिक्षक सालों से रेगुलर होने की राह ताक रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों ने जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों से दो साल का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी शिक्षा का अधिकार अधिनियम का हवाला देकर पैट द्वारा प्राप्त प्रशिक्षण को आरटीई एक्ट मानदंडों के अनुरूप नहीं मान रहे हैं। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि पैट का प्रशिक्षण शिक्षा विभाग के दिशा निर्देशों के तहत जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से करवाया गया है। इससे शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में आरटीई एक्ट एक्ट अप्रैल 2013 से लागू किया गया है, जबकि पैट की नियुक्ति वर्ष 2005 में हुई है। इस प्रकार आरटीई एक्ट की शर्तें लगाकर इस वर्ग के नियमितीकरण में बाधा डालना सरासर गलत है और इसे कदापि सहन नहीं किया जाएगा। पैट को ग्रामीण विद्या उपासकों की तर्ज पर शीघ्र नियमित किया जाए।
source: DivyaHimachal
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