ठेकेदार खाने लगे संजौली के जंगल


संजौली, ढली — संजौली-ढली बाइपास के साथ लगता जंगल ठेकेदारों की अवैध डंपिंग का अखाड़ा बन गया है। निजी ठेकेदार प्रशासन से बेखौफ होकर जंगल में जमकर मनमाने तरीके से अवैध डंपिंग कर रहे हैं। सड़क के किनारे लगते जंगल मलबे से भर गए हैं, जिससे सैकड़ों की संख्या में दरख्त सूखने की कगार पर हैं। इतना ही नहीं काफी संख्या में पेड़ सूख रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर प्रशासन इस ओर आंखें मूंदे बैठा दिख रहा है, जिससे इस काम में जुड़े लोगों के हौसले और बुलंद होते जा रहे हैं और संजौली बाइपास जंगल खत्म होता जा रहा है। ढली बाइपास सड़के पर चलैटी से लेकर ढली तक निजी ठेकेदारों और निर्माणधीन भवन मालिकों द्वारा जंगल में जमकर अवैध डंपिंग की जा रही है। चंद पैसों को बचाने के चक्कर में उक्त क्षेत्र में जमकर प्राकृतिक संपदा का दोहन हो रहा है। अब तो लोग जंगलों के साथ-साथ बाइपास मार्ग के किनारों पर ऊपरी ओर भी मलबा फेंक कर अपना मतलब निकाल रहे हैं। उक्त मार्ग पर रात्रि के समय प्राप्त चैकिंग न होने के कारण एक ओर जहां अंधेरे में अवैध डंपिंग का कार्य चल रहा है, वहीं दूसरी ओर रात के अंधेरे में निजी ठेकेदार प्रशासन को ठेंगा दिखाकर अपनी चांदी कूट रहे हैं। उक्त क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि प्रशासन की नजरअंदाजी के चलते मनमाने ढंग से मलबा फेंकने से जंगल मिट्टी से भर गया है। रात के समय हो रही कटिंगों से मार्ग की हालत भी खस्ता हो गई है। जिन स्थानों पर रात के समय कटिंग की जा रही है, वहां बड़े-बड़े गड्ढे पड़ गए हैं, लेकिन प्रशासन इन निर्माण करने वाले पर शिकंजा नहीं कस रहा है। जिससे सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंच रहा है। डीएफओ शिमला ग्रामीण विनोद शर्मा का कहना है कि बाइपास सड़क के किनारों पर अवैध डंपिंग करने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। अवैध डंपिंग की ज्यादा तादाद को देखते हुए स्पेशल टीम गठित की जाएगी और इन पर शिकंजा कसा जाएगा।







source: DivyaHimachal

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