ऊना — गौ माता की सेवा सर्वोपरि है। गौ माता में 33 करोड़ देवी-देवताओें का वास है। इसलिए हर सुबह व शाम को गौ माता को नमन करना चाहिए। यह शब्द अंबोआ के संत बाबा राकेश शाह जी ने शुक्रवार को यशगिरि कुटिया सलोह में संत सम्मेलन के दौरान कहें। उन्होंने कहा कि कलियुगी जमाने में कुत्तों की कद्र करके गौ माता को आवारा छोड़ा जा रहा है, जिस कारण इस संसार में गौ माता की उपेक्षा हो रही है। उन्होंने कहा कि गौ माता पर डंडे बरसाने वालों को भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष अपनी करनी का हिसाब चुक्ता करना होगा। राकेश शाह जी ने कहा कि गुरु उसी को बनाना चाहिए, जो शिष्यों के लिए समय निकाल सकें। उन्होंने श्रद्धालुओं को काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार को त्यागकर गुरु की भक्ति करने का उपदेश दिया। संत सम्मेलन के उपरांत श्रीमद्भागवत कथा में स्वामी अतुल कृष्ण महाराज जी ने कहा कि जो किसी को भी दोषी नहीं मानता उसके जीवन में दोषों की उत्पत्ति नहीं होती। निर्दोष जीवन में ही भगवतीय प्रेम का प्रकट होता हैं। जीवन में प्रसन्न रहना ईश्वर की सर्वोपरि भक्ति है। हम स्वयं प्रसन्न रहे एवं दूसरों को भी प्रसन्नता का प्रसाद वितरित करते रहे। प्रभु के शरणागत जीव की सारी आवश्यकताएं स्वतः ही पूरी होती रहती हैं। जैसे कोई बागीचे में फल खरीदने जाए तो उसे श्ीतल छाया एवं सुगंधित वायु मुफ्त में मिल जाती है। इसके लिए उसे कुछ भी प्रयत्न नहीं करना पड़ता, जो मनुष्य समुंद्र देखने जाता है तो उसे सामने सर्वत्र समुद्र ही समुद्र दिखता है, पर पीछे देखने पर स्थल ही स्थल दिखता है।
source: DivyaHimachal
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