नारकंडा को निखारने की मुहिम अधर में


नारकंडा — पर्यटन नगरी नारकंडा को कुदरत ने प्राकृतिक सुंदरता में कोई कमी नहीं रखी है, लेकिन यहां पर्यटन को निखारने और पर्यटकों को सुविधाएं जुटाने के लिए प्रदेश के नेताओं के हौसले में जरूर कमी आई है। प्रदेश के बड़े-बड़े राजनीतिक दिग्गज नारकंडा व हाटू की शांत एवं ख्ूबसूरत वादियों में यहां जरूर आते रहे हैं, लेकिन पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के बजाय पिछले बीस वर्षों से कोरी घोषणाएं एवं कोरे आश्वासन ही मिलते रहे हैं। प्रदेश में सता किसी भी दल की रही है, लेकिन पर्यटन की दृष्टि से नारकंडा को ठेंगा ही दिखाया गया है। नारकंडा तथा इसके आस-पास के क्षेत्रो में पर्यटन को विकसित करने के लिए अपार संभावनाएं मौजूद हैं। पर्यटका नगरी नारकंडा के अलावा हाटू पीक, तानू जुब्बड़, नाग जुब्बड़ को विकसित किया जा सकता है, लेकिन आवश्यकता है सरकारी कृपा दृष्टि की। यदि पर्यटक नगरी नारकंडा का जिक्र किया जाए, यहां की सभी योजनाएं केवल कागजों तथा आश्वासनों तक ही सीमित है। नारकंडा के विकास की करोड़ों की योजनाएं कई वर्षों से फाइलों में दफन हैं। कई योजनाए अधर में लटकी हे। पर्यटक नगरी नारकंडा का सबसे बड़ा आईडीएसएमटी प्रोजेक्ट पिछले दस वर्षो के अधिक समय से अधर में लटका है। हालांकि इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास वर्ष 2007 में कांग्रेस शासन के दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा किया गया था, जो केवल शिलान्यास तक ही सीमित रह गया है। जाहिर तौर पर इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य पूरा होने से पर्यटकों को काफी हद तक सुविधा उपलब्ध हो सकती थी। आईडीएसएमटी के तहत अस प्रोजेक्ट में पांच सौ लोगों की क्षमता वाला सामुदायक हाल, पचास वाहनों के लिए पार्किंग स्थल, एक शौपिंग कांप्लेक्स, एक पार्क, एक कैफेटेरिया और एक आइस स्कींटिंग रिंक बनाने की योजना है, लेकिन विडंबना है कि प्रदेश की किसी भी सरकार ने इस ओर गौर नहीं किया है। जाहिर तौर पर वर्ष 2002 में इस प्रोजेक्ट के निर्माण को एक करोड़ 36 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे, जिसकी लागत अब लगभग दो गुना हो चुकी है। इसके अलावा नारकंडा में विकास की कई योजनाएं हैं जो लटकी हैं। हाटू पीक जो एक धार्मिक स्थल के साथ पर्यटक स्थल भी है, लेकिन यह पर्यटन की दृष्टि नजर अंदाज है। यहां पर्यटन विभाग के होटल का होना जरूरी है। इसके अलावा हाटू पीक को पैराग्लाइडिंग के लिए भी विकसित किया जा सकता है। हाटू में सराय भवन का होना भी जरूरी है। उधर, पर्यटक नगरी नारकंडा के विकास को लेकर जब नगर पंचायत नारकंडा के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा से बातचीत की गई तो उन्होने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से नारकंडा को विकसित किया जाने की योजना है। उन्होंने कहा यहां की समस्या को लेकर वह मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तथा सिंचाई मंत्री विद्या स्टोक्स को अवगत कर चुके है।







source: DivyaHimachal

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