बिलासपुर — गर्मियों का आगाज होते ही गोबिंद सागर झील सिल्ट में तबदील हो गई है। हालात यह है कि सिल्ट की वजह से जहां बिलासपुर सहित आसपास के क्षेत्रों का तापमान एकाएक बढ़ गया है, वहीं बोटों के माध्यम से सफर करने वाले लोगों की जिंदगियां भी खतरे में आ गई हैं। सिल्ट ज्यादा होने के चलते बोट चालकों को मजबूरन अपना रूट चेंज करना पड़ा है। ऋषिकेश की तरफ से आने वाली वोटें नाले रा नौण की बजाय सांडू के मैदान तक जा रही हैं, जिस कारण यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि सांडू के मैदान से यात्रियों को बिलासपुर पहुंचने के लिए दो से तीन किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ रहा है। झील में पानी की कमी व सिल्ट ज्यादा होने से वोटों के फंसने का भी भय बन गया है, जिस कारण यात्रियों के लिए यह सफर किसी खतरे से कम नहीं है। उल्लेखनीय है कि ऋषिकेश सहित धराड़सानी, छत्त सहित कई गांवों के सैकड़ों लोग रोजाना बिलासपुर पहुंचने के लिए गोबिंदसागर में वोटों का सहारा लेते हैं। बोटों के जरिए बिलासपुर पहुंचने वालो में सबसे अधिक संख्या स्कूली छात्रों, कर्मचारियों व दिहाड़ीदारों की होती है, परंतु इन दिनों गोबिंद सागर में पानी उतरने से आई सिल्ट ने बोट का सहारा लेकर बिलासपुर पहुंचने वाले सैकड़ों लोगों के सफर को जानलेवा बना दिया है। लोगों का यह सफर उस समय और खतरनाक हो जाता है, जब दोपहर के समय धूप के चलते बर्फ पिघलने से पानी का बहाव एकाएक तेज हो जाता है। उपरोक्त क्षेत्रों से संबंधित लोगों को बिलासपुर पहुंचने के लिए बोट सबसे बड़ा शार्टकट है। इसके अलावा बिलासपुर पहुंचने के लिए सड़क मार्ग द्वारा लंबा सफर तय कर पड़ता है, परंतु इन दिनों बोट का यह सफर सैकड़ों लोगों के लिए जानलेवा बन चुका है।
source: DivyaHimachal
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