ओलों की मार से गेहूं तबाह


कोटखाई — बीते कल कोटखाई क्षेत्र में बारिश होने से जहां एक ओर लोगों द्वारा ठंड महसूस की जा रही है, वहीं क्षेत्र के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि होने के समाचार भी प्राप्त हो रहे हैं। बीते कल हुई भारी ओलावृष्टि के चलते जहां क्षेत्रों के कुछ हिस्सों में सेब फसल को भारी नुकसान होने की बात लोगों द्वारा की जा रही है, वहीं बागबानों की चिंता भी अब बढ़ने लगी है, क्योंकि शिमला का ऊपरी क्षेत्र सेब की बागबानी पर ही टिका हुआ है। हालांकि अभी सेब सीजन को तीन माह का समय शेष हैं। उस पर मौसम के बदलते मिजाज के चलते सेब उत्पादकों को एक बार फिर सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक बीते कल हुई ओलावृष्टि से बाघी व घयाल क्षेत्र में भारी नुकसान होने के समाचार प्राप्त हुए हैं। बागबानों में राजेश, दीक्षित, राजेंद्र के साथ अन्य बागबानों ने बताया कि बीते कल हुई ओलावृष्टि के चलते कोटखाई तहसील के अंतर्गत कीत, रूखला, चमैरा, मेल्ठ, बाहलीधार व अड़योग में सेब फसल को भारी नुक्सान पहुंचा है। बागबानों के अनुसार इन दिनों उनके बागीचों में फ्लोरिंग की प्रक्रिया पूरे चरम पर थी। बीते कल हुई ओलावृष्टि में ओलों की रफ्तार इतनी तीव्र थी कि सेब पौधे से पत्ते तक कट गए व सेब पौधों में लगा फूल भी झड़ कर जमीन पर गिर गया। हालांकि अभी तक इस ओलावृष्टि के नुकसान का अनुमान नहीं लगाया जा सका है। उधर, आज भी दोपहर दो बजे के बाद मौसम में फिर से बदलाव आ जाने से बागबानों की धड़कनें भी तेज हो गई हैं। हालांकि आज बारिश के साथ-साथ हवाएं भी चलती रहीं, परंतु बागबानों को अब ओलावृष्टि का भय सता रहा है कि इस बार सेब फसल पर ओलावृष्टि कहीं कहर बनकर न टूट पड़े।







source: DivyaHimachal

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