होली — जनजातीय क्षेत्र भरमौर की होली घाटी में फायर सीजन के मद्देनजर वन विभाग द्वारा किए गए प्रबंधों की पोल शुक्रवार को खुलकर सामने आ गई है। सुबह 11 बजे से होली घाटी के सुटकर गांव के साथ लगते जंगल धू-धू तक जलते रहे। बावजूद इसके मौके पर वन विभाग का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। साथ ही जंगल में रखे फोरेस्ट कारपोरेशन के छह हजार नग भी आग की चपेट में आने से बाल-बाल बच गए। अहम है कि कारपोरेशन द्वारा मौके पर तैनात
किया गया चौकीदार भी वहां मौजूद नहीं था।बताया जा रहा है कि जंगल के भीतर ही फोरेस्ट कारपोरेशन के एक ठेकेदार के छह हजार के करीब लकड़ी के नग रखे हुए थे। लिहाजा ग्रामीणों ने संबंधित ठेकेदार को दूरभाष पर आग लगने की जानकारी दी। लिहाजा ठेकेदार ने होली गांव से चरणजीत सिंह, सारकी, बिंदू, भरत राम, अमर सिंह, रवि, अनूप समेत अन्यों ने मौके पर जाकर करीब छह बजे आग को बुझाने का कार्य शुरू कर दिया। युवाओं ने बताया कि रात साढ़े दस बजे के करीब आग पर काबू पा लिया गया। उधर, डीएफओ हैडर्क्वाटर चंबा दिनेश शर्मा का कहना है कि इस बाबत उन्हें जानकारी नहीं है। डीएफओ भरमौर सुमन औहरी का कहना है कि वह क्षेत्र से बाहर है।
source: DivyaHimachal
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