राकेश शर्मा, चंबा
चंबा के अस्तित्व से भी पहले बने चामुंडा माता मंदिर को अब 21वीं सदी में सरंक्षण की जरूरत महसूस होने लगी है। वैसे तो ये मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन है और इसके संरक्षण की सारी जिम्मेदारी विभाग के पास ही है। लेकिन इसके बावजूद ऐतिहासिक धरोहर उस दर्जे को नहीं छू पा रही है, जहां उसे होना चाहिए था।
मंदिर में व्यवस्था के नाम पर अब कई सदियों के बाद सिर्फ एक हाईमास्क लाइट का प्रावधान होने जा रहा है। जबकि मंदिर तक पहुंचने के लिए बनी अनगिनत सीढि़यां लगातार बदहाल होती जा
source: Jagran
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