30 लाख गर्क, ठिकाना फिर नहीं


सोलन — सोलन जिला के कुनिहार विकास खंड के अंतर्गत ‘जघाना’ में गौ सदन के निर्माण से पूर्व ही संचालनकर्ताओं के हाथ खड़े हो गए हैं। भवन निर्माण पर तीस लाख रुपए की भारी भरकम राशि गौ सदन पर खर्च की जा चुकी है, लेकिन एक भी लावारिस पशु को यहां आश्रय नहीं मिल पाया है। जघाना में गौ सदन के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार ने सौ बीघा के करीब भूमि ‘गोपाल गौ सदन’ नामक संस्था को लीज पर दी थी। जघाना के साथ लगते डुमैहर, भूमती, सानन, देवरा इत्यादि क्षेत्रों में लावारिस गउओं के मचाए जा रहे उत्पात से किसान वर्ग का दुख बढ़ता ही जा रहा है। डुमैहर के किसानों के लिए फसलें उगाना भी टेढ़ी खीर बनता जा रहा है तथा यहां स्थानीय जनता सारा दिन आवारा पशुओं को खेतों से खदेड़ते नजर आ रही है। बीते भाजपा शासनकाल में जघाना में गौ सदन खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। करीब तीस लाख रुपए की राशि भी सरकार ने भवन निर्माण के लिए उपलब्ध करवाई। सौ बीघे में से एक छोटे से भू-खंड पर तीन ब्लॉक निर्मित किए गए। इसमें प्रथम चरण में एक सौ बीस लावारिस गउओं को आश्रय देने की योजना थी। इसका प्रमुख कारण यह है कि घास, चारा, पानी व रखरखाव के लिए ही लाखों रुपए प्रतिमाह इस पर खर्च होने हैं तथा इसके लिए बजट का प्रावधान करने के लिए संचालनकर्ताओं को अब बड़े उद्योगपतियों की ओर ताकना पड़ रहा है। तीन ब्लॉक के निर्माण के लिए भूमि समतल करने हेतु छह लाख के करीब राशि खर्च होने का अनुमान है। गौ सदन संस्था के अध्यक्ष रतन मिश्रा ने कहा कि शीघ्र ही सभी सदस्यों की बैठक करके आगामी कार्रवाई की जाएगी। अर्की के विधायक गोविंद राम शर्मा ने इस संदर्भ में टिप्पणी करते हुए बताया कि वह मुख्यमंत्री के समक्ष यह मामला उठाएंगे।







source: DivyaHimachal

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