22 नर्सरियों में तैयार हो रही 40 हजार पौध


हमीरपुर — जिला हमीरपुर के वर्ष 1972 में अस्तित्व में आने के समय फल उत्पादन के तहत 472 हेक्टेयर क्षेत्रफल था और 210 मीट्रिक टन फल उत्पादन होता था। वर्तमान में फल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 6654.10 हेक्टेयर तक फैल चुका है और उत्पादन क्षमता 5177.62 मीट्रिक टन तक पहुंच चुकी है। जिला में विभाग की फल विधायन की दो उप इकाइयां जिला में कार्य रही हैं, जो कि फल पदार्थों के उत्पादन के साथ-साथ ग्रामीणों को फल संरक्षण एवं विधायन बारे प्रशिक्षण भी प्रदान कर रही हैं। जिला में एक से अधिक बार बोई जाने वाली भूमि व अन्य खेती योग्य भूमि में फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं, जिससे बागबानी की और अधिक संभावनाएं बढ़ी हैं। जिला में बागबानी गतिविधियां विकास खंडों व प्रसार केंद्रों में कार्यरत उद्यान विभाग के तकनीकी अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा चलाई जा रही हैं। बागबानों को गुणात्मक फलदार पौध उपलब्ध करवाने के लिए विभागीय फल संतति एवं प्रदर्शन उद्यान बडियाणा, भूंपल तथा विभागीय फल पौधशालाओं दियोट व दियोटसिद्ध आदि में फल प्रतिवर्ष लगभग 40 हजार पौधों का उत्पादन किया जाता है। इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्र में 22 फल पौधशालाएं कार्य कर रही हैं, जिनमें भी प्रतिवर्ष लगभग 40 हजार फल पौधे उत्पादित हो रहे हैं तथा बागबानों को इनका वितरण कर बागीचे लगाने के लिए प्रोत्साहित एवं प्रेरित किया जा रहा है। जिला का अत्यधिक भू-भाग उपोष्णीय फलों के लिए उपयुक्त है, जिसमें मुख्यतः आम, नींबू, प्रजातीय फल, आंवला, अनार, लीची इत्यादि फल उगाए जा रहे हैं। विभाग द्वारा किसान एवं बागबानों के हित में फल संतति एवं प्रदर्शन उद्यान व फल पौधशालाएं ग्रामीणों के लिए प्रदर्शन का कार्य कर रही हैं, जिससे प्रेरित होकर बागबानों द्वारा पौधों की मांग जिला के निजी व सरकारी फल पौधशालाओं से की जा रही है। मांग बढ़ने पर प्रदेश के अन्य जिलों अथवा राज्य के बाहर से आपूर्ति कर पूरी करवाई जाती है। जिला की जलवायु एवं धरा की विविधता को ध्यान में रखते हुए उद्यान विभाग द्वारा फलोत्पादन की विविधिकरण की ओर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि किसान एवं बागबान की आर्थिकी और सुदृढ़ हो। विविधिकरण के तहत मशरूम, मधुमक्खी पालन, स्ट्राबेरी, फूलों व औषधीय पौधों की खेती अपनाने पर विशेष प्रचार एवं प्रसार किया जा रहा है। वर्तमान में जिला के 94 किसान एवं बागबान मशरूम उत्पादन का व्यवसाय अपना कर 11.4 मीट्रिक टन मशरूम पैदा कर रहे हैं। जिला की जलवायु उपयुक्त होने पर विभाग गर्मियों में ढींगरी व मिलकी मशरूम की फसलें उगाने के लिए प्रेरित कर रहा है। जिला में बागबानी मिशन के तहत बहुत से लोग अब सब्जी उत्पादन का कार्य कर रहे हैं तथा इस मिशन के तहत गत वित्त वर्ष में 25 हेक्टेयर क्षेत्रफल सब्जियों के दायरे में लाया गया और 370 मीट्रिक टन सब्जी का उत्पादन हुआ। इसके अतिरिक्त जिला में 17 परिवारों ने मधुमक्खी पालन को व्यावसायिक रूप में अपनाया है, जिससे प्रतिवर्ष दो मीट्रिक टन शहद का उत्पादन हो रहा है।







source: DivyaHimachal

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