शिमला — मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि प्रदेश में पर्यटन विकास को सुनिश्चित करने के लिए 20 वर्ष का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इससे साहसिक, ईको टूरिज्म, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। भाजपा विधायक गोविंद ठाकुर द्वारा पर्यटन संबंधी गतिविधियां को बढ़ावा देने के लिए सदन में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मनाली विजन डाक्यूमेंट को भी मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दे दी गई है। इसे जल्द लागू करने का प्रयास होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़कों की हालत के लिए प्रशासनिक लापरवाही भी जिम्मेदार है। हालांकि मौसम भी इसमें कारक रहता है। हिमाचल के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन 9.7 फीसदी की भागीदारी निभा रहा है। इसमें और वृद्धि हो, यह सरकार का प्रयास होगा। पर्यटकों की आमद के साथ-साथ उनके ठहराव में भी बढ़ोतरी इसे सुनिश्चित बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को पार्किंग व सड़क किनारे सुविधाएं जुटाने के लिए सरकार कृतसंकल्प है। प्रदेश में रेल व एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए भी पूरा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तेजी से इस क्षेत्र में काम होना चाहिए था, वह नहीं हो सका है। हिमाचल शांत राज्य है। शायद इसलिए केंद्र की नजर में प्रदेश की ये योजनाएं प्राथमिकता में नहीं हैं, मगर प्रदेश सरकार इस संदर्भ में पूरी तरह से सक्रिय है, ताकि एयर व रेलवे कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा सके।
source: DivyaHimachal
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