पांगणा — बलात्कार के मामले में सलाखों की हवा खा रहे आरोपी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जिला मंडी डा. बलदेव सिंह की अदालत द्वारा करसोग शिविर के दौरान दोष साबित होने पर शुक्रवार को चार वर्ष का कठोर कारावास तथा पांच हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा का हुक्म दिया गया। गौर करने वाली इस मामले में सबसे विषेष बात यह सामने आई है कि बलात्कार से संबधित 376/511 के इस मामले में एक वर्ष के अंदर ही माननीय अदालत द्वारा यह फैसला सुना दिया गया। बलात्कार से जुड़े इस मामले की छानबीन पुलिस चौकी पांगणा के प्रभारी झाबे राम शर्मा द्वारा की गई व उनके द्वारा इस गंभीर मामले पर अनेकों तथ्य जुटा कर आरोपी को सजा दिलवाने के लिए मामला जहां मजबूत किया वहीं अभियोजन पक्ष द्वारा इस मामले में सोलह गवाह पेश करते हुए आरोपी के खिलाफ दोष तथ्यों के आधार पर साबित कर दिया। सहायक जिला न्यायवादी शशिकांत शर्मा ने जिला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश माननीय डा. बलदेव सिंह की अदालत में करसोग शिविर दौरान हुए फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि गत वर्ष पंद्रह मार्च दो हजार बारह को पुलिस थाना करसोग में तेरह वर्षीय नाबालिग पीडि़ता द्वारा आरोपी शुकरू राम पुत्र लहसनू राम गांव षिल्ह क्षेत्र शोरशन के खिलाफ शिकायत करते हुए कहा गया कि घटना वाले दिन जब वह अकेली अपने चाचा का घर जा रही थी तो रास्ते में पीछे से शुक्रू राम ने आकर उसे दबोच लिया व रास्ते के साथ झाडि़यों में ले जाकर बलात्कार का भरसक प्रयास किया। पीडि़त नबालिग तेरह वर्षीय लड़की ने पुलिस थाना करसोग को शिकायत करते हुए बलात्कार से जु़डी इस घटना का पूरा विवरण रखा, जिसके चलते पुलिस थाना करसोग ने बलात्कार से जुडी धारा 376 तथा 511 के तहत मामला दर्ज किया व छानबीन में तथ्य जुटाए गए। सहायक जिला न्यायवादी शशिकांत शर्मा ने बताया कि बलात्कार का भरसक प्रयास करने वाले आरोपी को शुक्रवार जिला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डा. बलदेव सिंह की अदालत द्वारा चार वर्ष का कठोर कारावास व पांच हजार रुपए का जुर्माना सुनाया गया, जुर्माना अदा नहीं करने की स्थिति में तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
source: DivyaHimachal
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