फर्स्ट बाजार पर सेना का कब्जा

मकलोडगंज — सैन्य क्षेत्र की तारबंदी के बीच मकलोडगंज का 150 साल पुराना गांव फर्स्ट बाजार भी आ गया है। फरसेटगंज के साथ लगते इस गांव की सेना द्वारा तारबंदी के चलते सेना से ही रिटायर्ड कुछ फौजियों सहित वर्तमान सैनिकों के परिवार भी आर्मी की ‘कैद’ में आ गए हैं। मौजूदा समय में फर्स्ट बाजार में 36 परिवारों के 200 से ज्यादा सदस्य रह रहे हैं। शनिवार सायं एवं रविवार को सेना द्वारा इस गांव की तारबंदी के चलते इन लोगों के लिए अपने घर तक पहुंचने का हरेक रास्ता बंद हो गया है। इसके अलावा सड़क मार्ग बंद हो जाने से इस बाजार के लिए सामान की आपूर्ति पूरी तरह से बाधित हो गई है। फर्स्ट बाजार के निवासियों अंतरिक्ष कौंडल, जय सिंह, सुशील अग्रवाल, जात कुमार राई, सतपाल, जीवन भल्ला, भीमसेन ने बताया कि फर्स्ट बाजार की तारबंदी के चलते उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार जारी सैन्य तारबंदी के चलते उनके घर, बाजार एवं आने-जाने का हर संपर्क बाहरी क्षेत्र से टूट गया है। लिहाजा छोटी-मोटी दुकानें चलाकर अपना जीवनयापन करने वाले इस बाजार के लोगों को रोजगार से महरूम रहने की नौबत भी आ सकती है। हालांकि इस मामले में फर्स्ट बाजार के स्थानीय बाशिंदे उपायुक्त कांगड़ा का दरवाजा खटखटाने की बात कह रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि रास्ते को लेकर स्थानीय लोगों एवं सेना के बीच मामला लंबे समय से कोर्ट में विचाराधीन है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व साथ लगते चांदमारी गांव की तारबंदी का मामला पहले ही तूल पकड़ चुका है। लिहाजा फर्स्ट बाजार की तारबंदी के चलते न केवल इस बाजार, बल्कि साथ लगते गुजियाड़ा, भतल्ला, तोतारानी एवं वाल्मीकि कालोनी के लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।








source: DivyaHimachal

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