पढ़ाई के लिए जोखिम भरा सफर


नग्गर — पतलीकूहल व मनाली के बीच स्थित 17 मील नामक जगह पर एक ऐसा स्टेशन है। जहां पर लोगों को अपने घरों को जाने के लिए केवल झूले के सहारे ही घर तक पहुंचना पड़ता है। इस स्टेशन पर रोजना सैकड़ों लोगों का आना-जाना हर पल लगा रहता है। बताते चलें कि मनाली व पतलीकूहल के बीच इस स्टेशन पर एक झूला ब्यास नदी के ऊपर लगा हुआ है। ब्यास नदी के ऊपर लगा यह झूला लोगों के लिए घर तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता है। इस झूले के संपर्क में आने-जाने वाले लोगों के कई दर्जनों गांव लेफ्ट बैंक व राइट बैंक के पड़ते हैं। गांव डोभा, गजा करजां इत्यादि लोगों का इसी झूले के ऊपर से अपने घरों को आना-जाना हर रोज लगा रहता है। बताते चलें कि इस झूले पर अधिकतर हरिपुर कालेज में पढ़ने वाले विद्यार्थी भी इसी झूले से आते-जाते हैं। झूले से कुछ ही तकरीबन 150 मीटर दूर गजा बिहाल में एक और एक अनाथ आश्रम स्कूल भी है। इस अनाथ अश्राम को जाने वाले भी इसी झूले से होकर गुजरते हैं, जो कभी भी इस झूले पर बड़ा हादसा हो सकता है। जो पिछले साल भी इसी झूले पर 16 साल के एक बच्चे का झूले में पैर फंसने से ब्यास नदी में उसकी लीला समाप्त हो गई थी। इसी संदर्भ में गजा बिहाल अनाथ आश्रम के प्रधानाचार्य सुदर्शना ठाकुर से पूछा गया तो उन्होंने कहना है कि 17 मील के झूले में कई दर्जनों गांवों के लोगों की जान हवा में लटकती रहती है । इसी स्कूल के 13 बच्चे इसी झूले के ऊपर बैठकर मनाली स्कूल में पढ़ने जाते हैं। जब बच्चे झूले में बैठते हैं तो झूले को देखकर हर रोज कलेजा थरथरा उठता है। कई बार प्रशासन को भी इस बारे अवगत किया गया, लेकिन इस झूले को देखकर अनदेखी की जा रही है। इसी संदर्भ में गांव पंचायत ब्रान के प्रधान सीमा भारद्वाज व वार्ड पंच राम नाथ व पूर्व वार्ड पंच राम चंद, पूर्व वार्ड पंच दुर्गा चंद व स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्ष 1995 से पहले यहां पर एक पैदल चलने योग्य पुल हुआ करता था जो 1995 में आई भीषण बाढ़ ने पुल का सफाया कर दिया। 1995 के बाद आज दिन 18 साल तक इसी झूले में लोग अपनी जान हथेली पर रख कर चलते हैं। यही झूला आज दिन तक कई आदमियों की जान ले चुका है। प्रशासन इन 18 साल में आज दिन तक सर्वे और घोषणा के सिवाय कुछ भी नहीं हुआ है। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने इस ओर जल्द ध्यान नहीं दिया तो कई दर्जनों गांवों के लोगों को सड़क पर उतरने पर मजबूर हो जाएंगे। लोगों ने प्रशासन से गुहार करते है कि इस झूले की जगह पर एक अच्छा सा पुल जल्द से जल्द बनाया जाए।







source: DivyaHimachal

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