बच्चों में संस्कार भरें अभिभावक


ऊना — सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ऊना द्वारा मंगलवार को ऊना में आयोजित नशा निवारण कार्यशाला में मीडिया कर्मियों व बुद्धिजीवियों ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि नई पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित होकर नशे की लत का शिकार हो रही है और इससे आने वाले समय में कई सामाजिक पेचीदगियां पैदा हो सकती हैं। इस कार्यशाला की अध्यक्षता एग्रो पैकेजिंग के पूर्व वाइस चेयरमैन ओंकार शर्मा ने की, जबकि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक व मीडिया विशेषज्ञ विनोद लखनपाल ने बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यशाला में शिरकत की। ओंकार शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि नशे का सेवन एक सामाजिक बुराई है और समाज से नशाखोरी को जड़ से मिटाने के लिए जनचेतना और जनसहभागिता अत्यंत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस बुराई के खात्मे की शुरुआत हर व्यक्ति को खुद से करनी चाहिए, तभी दूसरों के सामने एक उदाहरण स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि शराब और सिगरेट के नशों से भी आगे कई नशे समाज में प्रचलित हो गए हैं, जिनसे युवा पीढ़ी पथभ्रष्ट हो रही है। उन्होंने कहा कि नशे का सेवन व्यक्ति की रचनात्मक क्रियाशीलता को समाप्त कर देता है और युवाओं को नशे की दलदल में डूबकर अपना भविष्य बर्बाद करने की बजाय रचनात्मक कार्यों में अधिक रूचि लेनी चाहिए। उन्होंने अभिभावकों से भी आह्वान किया कि वे बच्चों में अच्छे संस्कार भरकर उनके लिए प्रेरणास्रोत बनें। विनोद लखनपाल ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि वर्तमान में शराब, गांजा, गुटखा, धूम्रपान तथा कोकीन व एलएसडी जैसे मादक दवाओं तथा पदार्थों के उपयोग में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। यहां तक कि किशोर एवं युवा वर्ग भी इससे अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि घरों में बड़ों द्वारा नशा करके आने पर इसका दुष्प्रभाव बच्चों पर भी तेजी से पड़ रहा है। चिकित्सक डा. केआर आर्य ने नशे के दुष्प्रभावों को इंगित करते हुए कहा कि इनसे अनेक प्राणघातक रोग होते हैं। यह कैंसर, टीबी, लीवर खराब होना, उच्च रक्तचाप, श्वास तथा कार्डियोवेस्कुलर रोगों को जन्म देता है। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार व हिमोत्कर्ष के अध्यक्ष कंवर हरिसिंह ने कार्यशाला में अपने विचार रखते हुए कहा कि पारिवारिक सहयोग और दृढ़ इच्छा शक्ति से ही आदमी नशों की कील्लत से छुटकारा पा सकता है। वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा ने नशे के दुष्प्रभावों पर अपना प्रपत्र पढ़ते हुए आदमी के स्वास्थ्य पर नशे के सेवन से होने वाले कुप्रभावों का विस्तार से ब्यौरा दिया और कहा कि क्षणिक सुख के लिए मादक द्रव्यों के सेवन का आदी होकर व्यक्ति स्वयं अपना नुकसान तो करता ही है, साथ ही उसका परिवार व समाज भी इससे प्रभावित हुए बिना नहीं रहता।







source: DivyaHimachal

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