2000 लोगों को रोटी दे रहा सराहां


सराहां — नाहन-शिमला स्टेट हाई-वे पर स्थित तहसील पच्छाद के मुख्यालय सराहां में भले ही कोई उद्योग- धंधा न हो बावजूद इसके भी यह कस्बा दो हजार के लगभग लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा रहा है। क्षेत्र में इन दिनों चल रहे सड़क निर्माण कार्य करवाने वाली कंपनी सोमदत्त बिल्डर्स ने 500 के करीब लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा कर अस्थायी रूप से रोजगार का आंकड़ा बढ़ा दिया है। सराहां में आईपीएच, पीडब्ल्यूडी, वन विभाग में 50 ठेकेदार पंजीकृत हैं, जिनमें 600 लोगों को रोजगार मिल रहा है। सराहां कस्बे में 20 ढाबे व जलपान की दुकानें हैं, जिनमें 80 लोग रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। यहां पर 115 दुकानें हैं जिनमें 250 लोग कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त यहां चार गेस्ट हाउस दस लोगों को रोजगार मुहैया करवा रहे हैं। यहां पर तीन निजी स्कूल व एक प्ले स्कूल है, जिसमें 50 लोग रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। सराहां में 40 पिकअप 80 लोगों को, 35 ट्रक 70 लोगों को, पांच टैक्सी व 30 अन्य निजी वाहन जो सवारियां लाने ले जाने का कार्य कर रहे हैं ,में 40 लोग रोजगार ग्रहण कर रहे हैं। चार हजार के लगभग आबादी वाले इस कस्बे में दो हजार लोग बाहर से आकर रह रहे हैं जो कि किराए के मकान में रहते हैं तो इस तरह 500 लोगों को इस जरिए से भी आमदनी हो रही हैं। सराहां में चार कुटीर उद्योग हैं जिनमें 20 लोगों को रोजगार मिल रहा है। इसके अतिरिक्त यहां की पंचायत को शराब के ठेकों, चूल्हा टैक्स, टावर, दुकानों के किराए से आमदनी होती है, जबकि पंचायत स्ट्रीट लाइट व सफाई करवाने का कोई भी शुल्क नागरिकों से नहीं लेती। गौरतलब है कि हिमाचल निर्माता डा. यशवंत सिंह परमार की इस तहसील में पर्यटन की दृष्टि से सराहां से दस किलोमीटर के दायरे में क्वागधार की पहाडि़यों पर स्थित भूरेश्वर महादेव मंदिर, सरोगा स्थित भागेश्वरी मंदिर, श्यामपुर बघार स्थित ज्वाला नगरकोटी मंदिर देवीधार काफी रमणीक स्थल है, जहां से एक और मैदानी इलाका जहां साफ झलकता है, वहीं दूसरी और चूड़धार की पर्वत शृंखलाएं सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं। साथ ही श्रृंग ऋषि की गुफा व मानगढ़ में स्थित पांडव मंदिर व सहस्त्र बाहु का टिब्बा इत्यादि ऐतिहासिक स्थल हैं। यदि सरकार पर्यटन की दृष्टि से इन्हें विकसित करे तो यहां के लोगों को और अधिक रोजगार मिलने के साथ-साथ उनका आर्थिक स्तर भी उठ सकता है। गौरतलब है कि चंडीगढ़, कालका, अंबाला, देहरादून, सोलन, यमुनानगर जैसे शहर यहां से मात्र 100 किलोमीटर के दायरे में हैं, जहां के पर्यटक यहां की स्वच्छ आबोहवा का लुत्फ आसानी से ले सकते हैं।







source: DivyaHimachal

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