मकलोडगंज — तिब्बत के भीतर आत्मदाह के लगातार वारदातों से आहत निर्वासित तिब्बतियों ने सोमवार को धर्मशाला में चीन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। तिब्बत के भीतर आत्मदाह की वारदातों का आंकड़ा 102 पहंुचते ही सोमवार को चीन के प्रति निर्वासित तिब्बत सरकार का गुस्सा फूट पड़ा। गुस्साए तिब्बतियों ने पहले तो मकलोडगंज में प्रदर्शन किया, फिर उसके बाद कचहरी अड्डा धर्मशाला तक विशाली रैली निकाली। इससे पूर्व पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए स्टूडेंट फॉर ए फ्री तिब्बत के राष्ट्रीय निदेशक दोरजी छेतेन ने उन तमाम आरोपों का खंडन किया, जिनके तहत चीन सरकार ने आत्मदाह की वारदातों के पीछे तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा एवं धर्मशाला स्थित निर्वासित तिब्बत सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। दोरजी छेतेन ने कहा कि तिब्बत के भीतर आत्मदाह की ये तमाम वारदातें अकुशल चीनी नेतृत्व का नतीजा है। उन्होंने कहा कि तिब्बत के भीतर दलाईलामा की वापसी एवं तिब्बत की स्वायतता की मांग कर रहे बेगुनाह तिब्बतियों पर चीनी दमन जारी है, जिसके चलते तिब्बती आत्मदाह करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में तिब्बत के भीतर आत्मदाह करने वाले लोगों की संख्या 102 पहुंच गई है। उन्होंने कहा तिब्बत के भीतर आत्मदाह करने वालों का एकमात्र नारा धर्मगुरु दलाईलामा की वापसी है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ से तिब्बत के भीतर स्वतंत्र जांच दल एवं मीडिया भेजने की मांग के साथ चीन पर तिब्बत मसले के हल को लेकर दबाव बनाने की मांग की, वहीं प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं ने आत्मदाह करने वाले तिब्बतियों की तस्वीरें उठाकर चीन के खिलाफ जमकर नारे लगाए। इस दौरान मकलोडगंज में तमाम तिब्बती व्यावसायिक संस्थान बंद रहे।
source: DivyaHimachal
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