होली — जनजातीय क्षेत्र भरमौर के सीनियर सेकेंडरी स्कूल होली स्थित गर्ल्ज होस्टल की छात्राओं की डाइट मनी 27 वर्षों के बाद भी नहीं बढ़ पाई है। मंहगाई के इस दौर में मात्र 11 रुपए में तीन टाइम के भोजन की व्यवस्था करना अब स्कूल प्रबंधन के लिए भी मुशिकल होने लगा है। साथ ही अब सिलेंडर के दामों में सबसिडी खत्म होने के चलते होस्टल प्रबंधन की चिंताएं और भी बढ़ गई हैं। हालात ये हैं कि हर माह होस्टल में भोजन तैयार करने के लिए छह से सात सिलेंडर लगते हैं। अलबत्ता 1360 रुपए में मिल रहे एक सिलेंडर के हिसाब से होस्टल में प्रति छात्रा सिलेंडर पर ही सात रुपए की राशि खर्च हो रही है। कुल-मिलाकर मौजूदा समय में होस्टल में कम राशि में बेहतर भोजन की व्यवस्था करना टे़ढी खीर साबित हो रही है। जानकारी के अनुसार दूरदराज की छात्राओं को उच्च शिक्षा मुहैया करवाने की दिशा में सरकार ने कदम उठाते हुए सीनियर सेकेंडरी स्कूल होली में छात्राओं के लिए वर्ष 1986 में होस्टल की व्यवस्था की, उस दौरान होस्टल में प्रति छात्रा 11 रुपए डाइट मनी निर्धारित की गई। उक्त राशि से छात्राओं को नाश्ता, दोपहर का भोजन, चाय और रात का भोजन प्रदान किया जा रहा है। अहम है कि मौजूदा समय में खाद्य पदार्थों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। साथ ही सबसिडी के सिलेंडर की संख्या निर्धारित करने से शेष लेने पर भी खर्च बढ़ गया है। ऐसी परिस्थितियों के बीच होस्टल में छात्राओं को बेहतर भोजन की व्यवस्था करने में मुश्किल आ रही है। बताया जा रहा है कि 50 छात्राओं की क्षमता वाले इस छात्रावास में मौजूदा समय में 48 रह रही हैं, जिन्हें 11 रुपए में एक दिन के भेजन की व्यवस्था की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि डाइट मनी के अलावा अन्य बजट से बड़ी मुश्किल से किसी तरह प्रबंध किया जा रहा है। होस्टल प्रबंधन भी इस बात को मान रहा है कि महज 11 रुपए में छात्राओं को बेहतर भोजन की व्यवस्था करना नामुमकिन है। सूत्रों की मानें तो छात्राओं की डाइट मनी बढ़ाने के बाबत कई दफा प्रस्ताव सरकार और शिक्षा विभाग को भेजे गए हैं। बावजूद इसके इस पर अभी तक किसी भी ओर से सकारात्मक पहल नहीं हो पाई है। उधर, सीनियर सेकेंडरी स्कूल होली के प्राचार्य प्रेम सिंह चौधरी ने माना की लंबे समय से प्रति छात्रा 11 रुपए डाइट मनी चली आ रही है। उक्त राशि से बेहतर भोजन की व्यवस्था करना मुशिकल हो रहा है। इस बाबत विभाग के उच्चाधिकारियों को भी अवगत करवा दिया गया है।
source: DivyaHimachal
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