आंगनबाड़ी वर्करों को राहत देने की तैयारी में सरकार; शिक्षा विभाग ने महिला एवं बाल विकास विभाग से मांगा ब्यौरा

राज्य के सरकारी स्कूलों में 4700 प्री प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति में आंगनबाड़ी वर्करों को शामिल किया जा सकता है। पिछले 5 सालों से यह भर्तियां लटकी हुई है। सूत्रों के मुताबिक ऐसी आंगनबाड़ी वर्कर जिन की शैक्षणिक योग्यता स्नातक है या फिर 12वीं है व उनका अनुभव काफी ज्यादा है उन्हें ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा। इसके बाद उन्हें भी इस भर्ती के लिए पात्र किया जाएगा।

विधि विभाग की भी ली जाएगी
शैक्षणिक योग्यता को 12वीं रखना है या स्नातक यह तय किया जाएगा। शिक्षा विभाग इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रावधानों को भी देख रहा है। उसके बाद विधि विभाग की राय भी इस पर ली जाएगी। विधि विभाग की राय के बाद ही अब इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल को भेजा जाएगा। बीते रोज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को भेजने की तैयारी थी, लेकिन कुछ बिंदुओं पर स्थिति सपष्ट न होने के चलते इसे फिलहाल रोका गया।

हाल ही में शिक्षा विभाग की महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ आयोजित बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा की गई। शिक्षा सचिव राकेश कंवर की अध्यक्षता में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में दोनों विभागों ने एक-दूसरे से अपनी शंकाओं से संबंधित जानकारियां मांगीं है। अगली बैठक में दोनों विभाग रिकॉर्ड के साथ रणनीति बनाएंगे। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती के प्रस्ताव को जल्द से जल्द मंत्रिमंडल की बैठक में लाने के निर्देश दिए हैं।

यह भी है पेंच
प्रदेश में 18950 आंगनबाड़ी केंद्र है। बैठक में चर्चा की गई कि जब प्री प्राइमरी स्कूल खुल जाएगा तो क्या वहां पर आंगनबाड़ी केंद्र खोलना जरूरी है। या जहां पर आंगनबाड़ी केंद्र पहले से चल रहा है वहां पर क्या प्री प्राइमरी स्कूल खोलना चाहिए।

आंगनबाड़ी वर्करों को दिए जाने वाले वेतन और शैक्षणिक योग्यता का रिकॉर्ड आगामी बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से लाया जाएगा। बैठक में कहा गया कि निजी क्षेत्र में खुले प्ले स्कूलों की ओर अभिभावकों का रुझान कुछ वर्षों से बढ़ा है। आगनंबाड़ी केंद्रों में अब कम बच्चों को भेजा जाता है। केंद्रों के माध्यम से पोषाहार से संबंधित कार्य ही अधिक किए जा रहे हैं।

चार सालों से लटकी है भर्ती
प्री प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति राज्य सरकार को करनी है। इसके लिए बजट केंद्र सरकार एसएसए के माध्यम से देगी। पिछले चार सालों से यह भर्ती लटकी हुई है। कई बार दिल्ली में भी इसको लेकर बैठकें हो चुकी है। राज्य शिक्षा विभाग के अधिकारी कई राज्यों के निरीक्षण कर चुके हैं लेकिन यह भर्ती सिरे नहीं चढ़ रही है।

Post a Comment

Latest
Total Pageviews