जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए हम प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री

राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रह है ताकि इनका विकास भी प्रदेश के अन्य क्षेत्रांे की तरह सुनिश्चित किया जा सके। मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने यह बात आज यहां जन-जातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) की 47वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि एकल प्रशासन प्रणाली अपनाने के बाद जन-जातीय सलाहकार परिषद द्वारा जन-जातीय क्षेत्रों के लोगों के विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए कई नीतिगत निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जन-जातीय क्षेत्रों के सम्पूर्ण विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के बजट का 09 प्रतिशत, जन-जातीय उप-योजना के लिए निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान जन-जातीय उप-योजना के तहत 904 करोड़ रुपये योजना तथा 831 करोड़ रुपये गैर योजना के तहत आवंटित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि जन-जातीय क्षेत्रों में 144.17 करोड़ रुपये भवनों, सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए, 169.37 करोड़ रुपये शिक्षा क्षेत्र, 99.42 करोड़ रुपये स्वास्थ्य क्षेत्र और 59.54 करोड़ रुपये सिंचाई व पेयजल आपूर्ति योजनाओं के लिए निर्धारित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा जन-जातीय क्षेत्रों के लोगों की सुविधा के लिए हेलिकाॅप्टर की नियमित उड़ानंे भी सुनिश्चित की जा रही हंै। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जन-जातीय क्षेत्रों में हेलिकाॅप्टर की 71 उड़ानें सुनिश्चित की गईं, जिससे 2303 लोग लाभान्वित हुए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 में जन-जातीय क्षेत्रों में हेलिकाॅप्टर सेवाओं के लिए सब्सिडी प्रदान करने का मामला जन-जातीय कार्य मंत्रायल भारत सरकार से उठाया था और राज्य को इसके लिए चार करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में प्राप्त हुए। वित्त वर्ष 2019-20 में भी केन्द्र सरकार ने इसके लिए चार करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।  
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि वर्ष 2018-19 के दौरान राज्य सरकार की पहल पर जन-जातीय क्षेत्रों में विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों के लिए केन्द्रीय जनजातीय विकास मंत्रालय से 70 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त हुई है। उन्होेंने कहा कि सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बार्डर एरिया डवलेपमेंट प्रोग्राम) के तहत राज्य सरकार वर्ष 2017-18 में 10 करोड़ रुपये और वर्ष 2018-19 में 8.45 करोड़ रुपये प्राप्त करने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को वर्ष 2019-20 में संविधान के अनुच्छेद-275 (1) के तहत 67 करोड़ रुपये विशेष केन्द्रीय सहायता के रूप में प्रदान किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में तीन एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय स्वीकृत करवाने में सफल रही है। इन स्कूलों को भरमौर, पांगी और लाहौल में खोला गया है। उन्होंने कहा कि जन-जातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इन स्कूलों के भवनों के निर्माण के लिए 56 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे, जिसमें से अभी तक 33.66 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भरमौर और पांगी जन-जातीय क्षेत्रों के लिए टैली-मेडिसीन सुविधा प्रदान की है। इसके लिए केन्द्र सरकार ने वर्ष 2018-19 में दो करोड़ रुपये विशेष सहायता के रूप में प्रदान किए हैं और इस वर्ष के लिए 1.74 करोड़ रुपये अनुमोदित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि जन-जातीय क्षेत्रों के लोगों की सुविधा के लिए केलांग, काजा और पूह में भी टैली-मेडिसीन सुविधा आरम्भ की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि किन्नौर और स्पीति में जन-जातीय लोगों की सुविधा के लिए रामपुर में 6.79 करोड़ रुपये की लागत से जन-जातीय भवन का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने 3 जून, 2000 को केलांग दौरे के दौरान जन-जातीय क्षेत्र लाहौल-स्पीति को हर मौसम के दौरान देश से जोड़ने के लिए रोहतांग सुरंग के निर्माण की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लाहौल-स्पीति और पांगी क्षेत्र के लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए इस सुरंग का शीघ्र ही लोकार्पण करेंगे। उन्होंने कहा कि अब इस सुरंग का नाम पूर्व प्रधानमंत्री भारत रतन अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर ‘अटल टनल’ रखा गया है।

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने जन-जातीय सलाहकार परिषद की बैठक नियमित रूप से आयोजित करने का आश्वासन दिया और कहा कि बैठक में लिए गए निर्णयों के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जन-जातीय क्षेत्रों में नौतोड़ और एफआरए के मामलों के निवारण के लिए कदम उठाए जाएंगे।

कृषि एवं जन-जातीय विकास मंत्री डाॅ. राम लाल मारकण्डा जी ने कहा कि जनता पार्टी सरकार द्वारा वर्ष 1977 में परिषद का गठन किया गया और 1978 में परिषद की पहली बैठक आयोजित की गई। उन्होंने जन-जातीय क्षेत्रों के विकास एवं जन-जातीय लोगों के कल्याण में गहरी रूचि के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।  

सांसद श्री राम स्वरूप शर्मा जी ने राज्य के जन-जातीय क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने जन-जातीय क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जन-जातीय क्षेत्रों में बेहतर संचार सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए।

किन्नौर के विधायक श्री जगत सिंह नेगी ने क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि निर्बाध विद्युत आपूर्ति उपलब्ध करवाने के लिए पर्याप्त मात्रा में तारें, खम्बे और अन्य उपकरण सुनिश्चित किए जाने चाहिए। उन्होंने जन-जातीय क्षेत्रों में नौतोड़ मामले के शीघ्र निपटारे के लिए भी आग्रह किया।

भरमौर के विधायक श्री जिया लाल कपूर ने क्षेत्र के विभिन्न संस्थानों में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय खणी के भवन के शीघ्र निर्माण के लिए भी आग्रह किया। इससे पूर्व, इस अवसर पर जन-जातीय सलाहकार परिषद के सदस्यों को शपथ भी दिलाई गई।

इस अवसर पर जन-जातीय सलाहकार परिषद के सदस्यों ने भी अपने सुझाव दिये। परिषद के लगभग सभी सदस्यों ने जन-जातीय क्षेत्रों में नौतोड़ मामले के शीघ्र निवारण और जन-जातीय क्षेत्रों में बेहतर सड़क सुविधा सुनिश्चित करने की आश्यकता पर बल दिया। प्रधान सचिव जन-जातीय विकास श्री ओंकार शर्मा ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री व अन्य गणमान्य लोगों का स्वागत किया। विशेष सचिव जन-जातीय विकास श्री सी.पी. वर्मा ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। बैठक में उपाध्यक्ष राज्य वन विकास निगम श्री सूरत नेगी, मुख्य सचिव श्री अनिल कुमार खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राम सुभग सिंह, श्री मनोज कुमार व श्री आर.डी. धीमान, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।



courtesy: CMO Himachal Pradesh

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