कहा जाता है कि कला छिपाए नहीं छिपती, उसके लिए कोई ना कोई मंच मिल ही जाता है। वनो में पेड़ों की जड़ों, शाखाओं में भी प्रकृति अपना स्वरूप दिखाती है। इन सूखी जड़ों आदि से कलाकृतियां बनाना ड्रिफ्टवुड कला कहलाती है। इसी कला में सिरमौर जिला के शंभुवाला गांव के दो भाई आशीष व अनूप भी जुड़े हुए हैं, जो कि पेशे से बढ़ई का कार्य करते हैं व फुरसत में ड्रिफ्टवुड कला से जुड़े हुए हैं। ये दोनों भाई जंगल से सूखी जड़ों व लकड़ी एकत्रित करते हैं और फिर उनसे विभिन्न प्रकार के कला उत्पाद बना रहे हैं। इन कलाकृतियों को पोलिश व आकार देकर उन्हें सजाया जाता है, लेकिन कलाकृतियां बेचने के लिए कोई मार्केट इन्हें नहीं मिला, तो इन्होने एनएच-7 चंडीगढ़-देहरादून पर सड़क किनारे प्रदर्शनी लगाई है। आते-जाते पर्यटक ये उत्पाद देखते हैं व धीरे-धीरे अब खरीददार भी बढऩे लगे हैं और इन दोनों की आर्थिकी भी अच्छी होने लगी है। कलाकार आशीष और अनूप का कहना है कि …… चंडीगढ़ से आए सैलानी ने बतायाकि इनकी कलाकृतियां बहुत प्राकृतिक हैं और वे कई बार आते-जाते इनसे ये उत्पाद खरीदते हैं ,यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्टार्टअप का बहुत अच्छा उदाहरण है।
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Courtsey: Divya Himachal
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