बिना ग्राउंड टेस्ट युवा बाहर

ठियोग —  सीपीआईएम की ठियोग ईकाई के पदाधिकारियों ने बुधवार को ठियोग में आयोजित एक प्रेस वार्ता में शिमला के भराड़ी मैदान में पिछले दिनों हुई पुलिस भर्ती को लेकर ठियोग के युवक युवतियों के साथ किए गए अभद्र व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा की है। सीपीआईएम के पदाधिकारियों में कपिल भारद्वाज, बालकृष्ण बाली, सुरेश वर्मा, संदीप सोनू, महेंद्र वर्मा के अलावा कई अन्य ने कहा है कि पुलिस भर्ती के दौरान ठियोग के युवाओं को बिना ग्राउंड टेस्ट के ही आउट कर दिया और पुलिस के अधिकारी बार-बार इनसे ये पूछ रहे थे कि ठियोग में बिटिया केस में आपने तो नारे नहीं लगाए या फिर पथराव तो नहीं किया। इस तरह के सवाल ठियोग के युवाओं से भराड़ी मैदान में किए गए और बिना किसी कारण युवाओं को भर्ती से बाहर किया गया। कपिल भारद्वाज ने कहा कि अगर इन युवकों ने नारे लगाए भी है तो क्या गुनाह किया है। उन्होंने कहा कि नारे लगाने व विरोध करने की इजाजत हमारे देश का संविधान है। उन्होंने कहा कि ये सब नारे बिटिया को न्याय दिलाने के लिए लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि किसी लड़की का रेप हो गया व उसकी हत्या कर दी गई उसके लिए न्याय की मांग करना क्या गलत है। माकपा नेता बालकृष्ण बाली ने कहा कि इस भर्ती में ऐसा करने वाले अधिकारी व कर्मियों को गिरफ्तार किया जाए और उन्हें पद से बर्खास्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज ये लड़ाई ठियोग के स्वाभिमान की है। उन्होंने कहा कि नौजवानों को नौकरी से वंचित किया गया है। उन्होंने कहा कि जो पुलिस अधिकारी ठियोग के नाम से नौजवानों के साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं वो इस केस में पहले से संलिप्त है और ऐसे अधिकारियों पर सरकार कारवाई करें। सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं ने ठियोग के युवाओं के साथ किए गए इस अभद्र व्यवहार को लेकर 15 सितंबर से भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी है और कहा है कि सरकार इसमें कुछ न कर पाई तो आने वाले समय में सरकार को भी इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेगे।


^पूरी खबर पढ़े: source - DivyaHimachal

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