मुख्यमंत्रीवीरभद्र के अर्की से चुनाव लड़ने की अटकलों को जिस तरह से बल मिला है, उससे जिला के राजनीतिक समीकरण बदलना तय है। सार्वजनिक मंचों से कई बार वीरभद्र और उनके निवास स्थान हॉलीलॉज के किसी सदस्य को अर्की से चुनाव लड़ने का निमंत्रण मिल रहा है। एक माह में ही इस क्षेत्र में मुख्यमंत्री के दो दौरों में 96 करोड़ की घोषणाओं से भी ऐसे संकेत भी मिल रहे हैं। कुछ समय से अर्की हलके से वीरभद्र के चुनाव लड़ने की चर्चाएं आम हैं। हालांकि उन्होंने भी इससे कभी साफ इनकार नहीं किया है। भाजपा के विधायक पार्टी टिकट तलबगार भी इस पर निगाहें लगाए हैं। वीरभद्र पहले से ही बयान दे चुके हैं कि इस बार वे किसी ऐसे क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं, जहां से कांग्रेस काफी समय से चुनाव नहीं जीती है। अर्की कांग्रेस का गढ़ था, लेकिन भितरघात के कारण पिछले दो चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। पिछले चुनाव में पार्टी ने संजय अवस्थी को टिकट दिया तो पार्टी के एक अन्य नेता अमरचंद पाल भी चुनाव में कूद गए। अवस्थी को करीब 17 हजार तो पाल को करीब 10 हजार वोट मिले। जबकि भाजपा के गोविंद राम करीब...
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वीरभद्र अर्की से लड़े तो बदलेंगे जिला में राजनैतिक समीकरण
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