शिमला – चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन मंगलवार को राजधानी शिमला के देवी मंदिर माता रानी के जयकारों से गूंज उठे। अंतिम नवरात्र के दिन भक्तों की भीड़ मंदिरों में उमड़ी। भक्त कतारों में माता रानी की पूजा-अर्चना के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हुए नजर आए। अष्टमी और नवमी के दो नवरात्र एक ही दिन आने पर भक्तों ने मंदिरों में माता रानी के दो देवी स्वरूपों की पूजा की। मंदिरों में मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी और मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की है। अष्टमी और नवमी एक ही दिन पर होने के चलते नवरात्र का भव्य समापन भक्तों ने घरों व मंदिरों में जाकर किया। मंदिरों में विशेष रूप से कंजक पूजन किया गया। माता रानी के देवी स्वरूप को भक्तों ने भी हलवा पूड़ी का भोग लगाने के साथ ही लाल चुनरी, चूडि़यां और शृंगार की अन्य सामग्री भी कंजकाआें को दी। अष्टमी पर मंदिरों और घरों में देवी मां को प्रसन्न करने के लिए कंजका पूजन किया जाता है। लोग घरों में कंजका बुलाकर उन्हें हलवा पूड़ी खिलाकर देवी मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। अष्टमी पर जहां कंजका पूजन हुआ,तो वहीं नवमी पर शहर के कालीबाड़ी, तारादेवी, कामना देवी, पधाई माता मंदिर सहित ढिंगू माता मंदिर में विशेष पूजा माता रानी की हुई। इस दौरान मंदिरों में आने वाले भक्तों के लिए भंडारों का आयोजन भी किया गया।
शहर में जगह-जगह बंटे हलवा-पूड़ी
नवरात्र के अंतिम दिन शहर में जहां श्रद्धालुओं ने हलवा- पूड़ी भक्तों को बांटा। शहर में लोअर बाजार, मिडल बाजार, गंज में भंडारे लगाए गए। इस दौरान लोगों ने लाइनों में खड़े होकर माता रानी का प्रसाद ग्रहण किया।
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source: DivyaHimachal
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