Thursday, January 5, 2017

होस्टलों में गेस्ट एंट्री बंद करने पर बवाल

शिमला — हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन का इस वर्ष शीतकालीन अवकाश के समय विवि के होस्टलों को खुले रखने का फैसला विवि पर ही भारी पड़ने लगा है। आए दिन होस्टलों में रहने वाले छात्रों के लिए अलग-अलग तरह के फरमान जारी कर विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को परेशान कर रहा है। कहीं गेस्ट एंट्री पर होस्टलों में रह रही छात्राओं को बाहर निकाला जा रहा है, तो कहीं छात्रों को होस्टल की जरूरत होने के बाद भी होस्टल की सुविधा मुहैया नहीं करवाई जा रही है। विवि प्रशासन के इस रवैये से जहां छात्र-छात्राएं परेशान हो रहे हैं, वहीं विवि के छात्र संगठन इसका विरोध जता रहे हैं। विश्वविद्यालय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विवि प्रशासन पर विश्वविद्यालय होस्टलों में गेस्ट एंट्री पर रह रही छात्राओं को बाहर निकालने और होस्टलों का सही छात्रों को आबंटित न करने का आरोप लगाया है। एबवीपी अध्यक्ष अमित ठाकुर व सचिव प्रदीप शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन एक तरफ तो विश्वविद्यालय के अंदर पढ़ने वाले छात्रों को होस्टल देने में नाकाम रहा है। दूसरी तरफ विवि प्रशासन अपने छात्र विरोधी फरमान जारी कर छात्राओं को होस्टल से निकलने के लिए फरमान जारी कर छात्राओं को मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहा है।  प्रदेश विश्वविद्यालय में दूरदराज क्षेत्रों से छात्र पढ़ने आते हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन न तो सभी छात्राओं को पहले ही होस्टल आबंटन करने में नाकाम रहा है और अब दो कन्या छात्रावासों को खाली करने व छात्रावासों में गेस्ट एंट्री बंद करने को फरमान जारी कर रहा है। कन्या छात्रावासों में गेस्ट के तौर पर विवि की छात्राएं रह रही हैं, जो कि विश्वविद्यालय को गेस्ट एंट्री चार्ज विवि को प्रदान करती है। विश्वविद्यालय प्रशासन को नेट की परीक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने फैसले पर विचार करना चाहिए। विद्यार्थी परिषद चीफ वार्डन व प्रशासन को चेताती है कि नेट की परीक्षा तक छात्राओं को होस्टल में एंट्री दी जाए और छात्राओं को जबरदस्ती बाहर करना व उन्हें मानसिक रूप से प्रताडि़त करना बंद करें।


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source: DivyaHimachal

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