
आजकलबारिश बर्फ के पानी को छतों पर टैंकों में एकत्र करने का लोगों को खूब फायदा हो रहा है। ठियोग क्षेत्र में मनरेगा अन्य योजनाओं के अलावा लोगों ने स्वयं भी अपने घरों के आसपास बारिश के पानी को एकत्र करने के लिए टैंक बना रखे हैं। आजकल छतों पर पिघल रही बर्फ का पानी इन्हीं टैंकों में एकत्र हो रहा है। यह पानी पशुओं, घर के दूसरे कामों के लिए प्रयोग किया जा रहा है। बर्फबारी के कारण आजकल ठियोग की कई पेयजल योजनाओं के पंप नहीं चल पा रहे हैं। बिजली की लाइनों को काफी नुकसान हुआ है। इसके चलते लोगों को छतों के पानी को एकत्र करने का काफी लाभ हो रहा है। यह पानी पीने के लायक नहीं है, लेकिन घरों के दूसरे कामों पशुओं के लिए यह पानी काम रहा है। बिजली समस्या के अलावा आजकल पाइपें जमने के कारण भी पेयजल योजनाएं बाधित हो जाती हैं। प्रति व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 50 लीटर पानी की खपत होती है। यदि लोगों ने पशु रखे हैं तो एक पशु कम से कम 25 से 30 लीटर पानी पीता है। इस सब के चलते सरकारी योजनाओं लोगों की स्वयं की समझ बूझ से बने रेन हार्ड वेस्टिंग टैंकों से काफी लाभ हो रहा है। इतना ही नहीं यह पानी...
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source: Dainik Bhaskar
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