क्षेत्रीयअस्पताल सोलन में जनरेटर और सोलर वाटर गीजर लगाना पैसे की बर्बादी साबित हुआ। अस्पताल में करीब 6 साल पहले कंपनी के माध्यम से ऑटोमेटिक जनरेटर स्थापित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य बिजली कट की स्थिति में भी अस्पताल की ओटी समेत अन्य उपकरणों को चालू रखना था लेकिन इसकी समय पर मेंटिनेंस नहीं के चलते ये खराब हो गया। तकनीकी खराबी को ठीक करने में लाखों रुपए खर्च किए गए लेकिन अंत में यह अस्पताल के लिए सफेद हाथी ही साबित हुआ। इससे केवल जनता का लाखों रुपए बर्बाद हो गए बल्कि अस्पताल प्रशासन की कार्य प्रणाली भी सवालों के घेरे में गई। लिहाजा अस्पताल प्रशासन ने अब जनरेटर को ओपन बिडिंग से बेचने का मन बनाया। रोगी कल्याण समिति ने अस्पताल में खराब पड़े जनरेटर को बेचने की निर्णय लिया है। इसके चलते खराब जनरेट का स्क्रेप के भाव बिकना तय है। हैरानी की बात है कि जनरेटर की खरीद पर लाखों रुपए बर्बाद करने के बावजूद इसके कारणों की जांच नहीं हुई। डबलफीडर सुविधा नहीं जिलेके सबसे बडे़ अस्पताल में आज तक बिजली के डबल फीडर की सुविधा नहीं मिली। इसके चलते अस्पताल में...
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source: Bhaskar
समय पर नहीं की मरम्मत, अब कबाड़ के भाव बिकेगा जनरेटर
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