शाही अंदाज में निकली जगन्नाथ की यात्रा


newsनाहन — प्रदेश के एकमात्र व सबसे पुराने भगवान श्री जगन्नाथ जी के मंदिर नाहन में रविवार को ओडिसा के पुरी की तर्ज पर भगवान श्री जगन्नाथ जी की छठी विशाल व भव्य रथयात्रा निकाली गई। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के जनसैलाब के बीच इस रथयात्रा से पूरा नाहन शहर भक्तिमय माहौल में डूब गया। सुबह से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु नंगे पांव भगवान श्री जगन्नाथ जी के रथ की रस्सी खींचने को व्याकुल थे। सुबह नौ बजे से पहले ही शहर के बड़ाचौक स्थित श्री जगन्नाथ जी के मंदिर में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा था। नौ बजे मंदिर में विग्रहों की पूजा-अर्चना के बाद भगवान श्री जगन्नाथ जी, बलभद्र व सुभद्रा को तीन अलग-अलग पालकियों में बिठाकर बैंडबाजों व पहाड़ी धुनों की अगवाई में श्रद्धालुओं ने चौगान मैदान तक पहुंचाया। जहां पर भव्य रथ तीनों के स्वागत में तैयार किया गया था। तमाम प्रकार की पूजा-अर्चना के बाद करीब साढ़े 11 बजे रथ छप्पन भोग के बाद चौगान से शहर भर के भ्रमण के लिए श्रद्धालुआेें ने रस्सी खींचकर रवाना किया। दो कतारों में महिला, पुरुष, युवक-युवतियां, वृद्ध व बच्चे हर श्रेणी व हर वर्ग जाति, धर्म को भूलकर भगवान श्री जगन्नाथ की रथयात्रा की अगवाई में उमड़ पड़े। रथयात्रा चौगान मैदान, मालरोड, गुन्नूघाट, रानीताल व कच्चा टैंक से होते हुए देर शाम करीब छह बजे कच्चा टैंक स्थित श्री रघुनाथ जी मंदिर में पहुंची, जहां से भगवान श्री जगन्नाथ जी, श्री बलदेव जी व सुभद्रा की मूर्तियों को पुनः पालकियों में रखकर पालकी यात्रा में बदल गई। शहर की तंग गली को देखते हुए रथयात्रा को बस स्टैंड पर ही रोक दिया गया तथा श्रद्धालुओं का जन सैलाब कच्चा टैंक से मुख्य बाजार की ओर पालकियों के साथ मोड़ दिया गया। देर शाम पालकी यात्रा बड़ाचौक स्थित श्री जगन्नाथ जी मंदिर में संपन्न हुई तथा हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ बड़ाचौक में एकत्रित हुई। रथयात्रा के दौरान पुलिस द्वारा भी इस वर्ष जबरदस्त सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।







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