Sunday, July 14, 2013

पंचरुखी के शहीद कर्म चंद कटोच को शत-शत नमन


पंचरुखी — पालमपुर उपमंडल के खंड पंचरुखी की पंचायत के गांव अंद्रेटा पहंुचने पर विश्व विख्यात चित्रकार सरदार शोभा सिंह का चित्र मन में उभर आया, जिन्होंने यहां साधनारत रहकर सैकड़ों चित्रों को कागज पर उकेर व छोटे से गांव का नाम विश्व मानचित्र पर उभारा। कदम आगे बड़े तो इस कलाग्राम में आयरिश नाटककार नौरा रिचर्ड के नाटकों की गूंज भी कानों में सुनाई दी। इन महान कलाकारों की स्मृति मन में उभर रही थी व हर कोने से उनकी महक आ रही थी। कदम बढ़ाते ही कानों में हजारों लोगों के स्वर भारत माता की जय, शहीद कर्म चंद अमर रहे के नारे सुनाई देने लगे। बात 15 जुलाई, 2010 की सुबह की है, जब अंद्रेटा चौक में 1962 भारत-चीन युद्ध में शहादत पाने वाले शहीद कर्म चंद कटोच को अंतिम विदाई देने हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। एक बार फिर कलाग्राम अंद्रेटा सुर्खियों में आ गया व महान कलाकारों के साथ देश के लिए शहादत देने वाले का नाम जुड़ गया, जहां गांव अगोजर का रणबांकुरा देश की रक्षा में शहीद हुआ था, लेकिन इसकी पहचान 48 वर्षों के उपरांत हुई। 1962 में जब भारत-चीन का युद्ध हुआ। इस युद्ध में खंड पंचरुखी के गांव अंद्रेटा का निवासी 22 वर्षीय कर्म चंद कटोच की छुट्टी रद्द हो गई व उसे वापस फौज में बुला लिया गया व उन्हें अरुणाचल के ग्लेशियर में दुश्मनों से लोहा लेने तैनात किया गया। कर्म चंद युद्ध के दौरान लापता हो गया। मां-बाप व भाई उसका इंतजार करते-करते स्वर्ग सिधार गए। अरुणाचल के ग्लेशियर में 2010 में फौज द्वारा सड़क निर्माण को चलते कर्म चंद के अवशेष बरामद हुए व गले की डिस्क से उनकी पहचान हुई। फौज ने शहीद के अवशेष अंद्रेटा गांव पहंुचाए जिसकी खबर पूरे देश में फैल गई। शहीद को श्रद्धांजलि देने हजारों लोग अगोजर (अंद्रेटा) में उमड़ पड़े।







source: DivyaHimachal

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