ऊना : बहडाला में रविवार को जैन उपाध्याय जितेंद्र मुनि महाराज ने प्रवचनों की गंगा बहाई। उन्होंने कहा कि मनुष्य जैसे कर्म करता है उसे वैसा ही फल भोगना पड़ता है। मनुष्य बेशक मौत से जितना भी भागे, लेकिन वह सच है और एक रोज उससे प्रत्येक मनुष्य को हारना होगा। मृत्यु और भक्ति की सच्चाई जो समझ गया उस मनुष्य का जीवन सफल होता है।
उन्होंने कहा कि प्रभु का सिमरन करने और संतों के प्रवचन सुनने से पापों से मुक्ति मिलती है। प्रभु त्रिगुल स्वरूप हैं। उनकी तामस, राजस व सात्विक भाव से जैसे भी पूजा की जा
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