यश के पसीने ने चीरा धार का सीना

नीरज पराशर, चिंतपूर्णी


ऊना जिला के धार क्षेत्र में खेती के नाम से कभी धुरंधर किसानों के भी पसीने छूटते थे। उसी क्षेत्र में यशपाल ने पसीना बहाकर कामयाबी की ऐसी इबारत लिखी कि आज हर कोई उनका कायल है।


चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में धार क्षेत्र के जवाल गांव निवासी यशपाल पंजाब में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव थे। नब्बे के दशक में पंजाब में आतंकवाद के कारण वह जवाल लौट आए। उन्होंने दुकानदारी शुरू की मगर किस्मत ने साथ नहीं दिया। उन्होंने खेतीबाड़ी करने की सोची मगर देखा कि धार क्षेत्र से किसान



source: Jagran

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