फिर सताने लगा कुदरत के कहर का डर

तारा सिंह, शिमला


प्रदेश के जनमानस को हर साल की तरह इस मर्तबा भी कुदरत के कहर का डर सताने लगा है। प्रदेश में हालांकि अभी प्री-मानसून ही पहुंचा है और कुदरत का यह कहर बरपने लगा है। चंबा जिला के जनजातीय क्षेत्र पांगी व चनेर खड्ड के अलावा कुल्लू-मंडी जिला के सीमावर्ती क्षेत्र नगवाई में बादल फटने की घटना से कई करोड़ रुपये की क्षति हुई है, लेकिन इसे कुदरत का ही करिश्मा कहेंगे कि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। बावजूद इसके प्रदेश में आपदा प्रबंधन को लेकर सरकार की कोई तैयारियां भी नजर नहीं आ रही हैं



source: Jagran

Full Story at: http://www.jagran.com/himachal-pradesh/shimla-10480063.html


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