पंचरुखी — विकास खंड पंचरुखी के तहत गांव पंचायत भरवाना में मनरेगा के कामों में सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला प्रकाश में आया है। लोकपाल मनरेगा कांगड़ा ने शिकायत पर भरवाना पंचायत के मनरेगा कार्यों को खंगाला व इसमें वर्ष 2007 व 2009 में लगभग 28 हजार रुपए के फर्जी बिल पाए हैं। शिकायतकर्ता जगदीश वालिया के अनुसार पैसों के दुरुपयोग पर तत्कालीन पंचायत प्रतिनिधियों के साथ सचिव व ऑडिट करने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सन् 2007 के बिल नंबर 53 व बिल नंबर 32 के अनुसार 20 हजार रुपए में दस हजार के पत्थर खरीदे गए व बिल नंबर 30 व बिल नंबर 52 के अनुसार क्रमशः 321 व 300 पत्थर 8694 रुपए के खरीदे गए, जबकि वास्तव में उक्त सामान खरीदा ही नहीं गया व मनरेगा के कार्य में 28694 रुपए का गबन हो गया। लोकपाल की जांच पर उक्त बिल फर्जी पाए गए। जगदीश कालिया ने कहा कि उक्त कार्यों में पहले भी बारह हजार की पेनेल्टी पंचायत को पड़ चुकी है व अब उसी कार्य के 28 हजार के चार बिल फर्जी हैं। उन्होंने मनरेगा के कार्यों में अनियमितताएं बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उधर, खंड विकास अधिकारी संत राम शर्मा ने कार्रवाई की बात कही। इस संबंध में तत्कालीन पंचायत प्रधान से संपर्क नहीं हो सका, जबकि उपपप्रधान अश्वनी सूद का कहना था कि बिल फर्जी नहीं हैं, जिनसे पत्थर लिए हैं, उन्हें पैसों की अदायगी की गई है। उन्होंने कहा कि विभाग ने उन्हे फर्जी नहीं कहा है। इस विषय में खंड विकास अधिकारी संत राम का कहना है कि इस विषय में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
source: DivyaHimachal
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