स्वारघाट — राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला स्वारघाट मात्र एक अध्यापिका के सहारे चल रहा है और छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। गौर हो कि प्रदेश के प्रवेश द्वार व नयनादेवी तहसील मुख्यालय स्वारघाट की पाठशाला गत वर्ष स्तरोन्नत हुई थी, तब भी इस स्कूल में जमा एक की मात्र एक कक्षा के लिए बच्चों को पढ़ाने का काम प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए अध्यापकों से चलाया गया था। अब नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है, जिसके चलते तकरीबन 50 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया। लेकिन प्रदेश सरकार जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग शायद इस पाठशाला में अध्यापकों की नियुक्ति करना भूल गए हैं। सिर्फ एक अध्यापक को तैनात करके अपने काम की इतिश्री कर दी हो। अध्यापक न होने की वजह से बच्चों का भविष्य अधर में लटक जाएगा और आधा सत्र गुजर जाने के बाद बच्चों को अन्य पाठशाला में प्रवेश भी नहीं मिलेगा। अभिभावकों सुशील कुमार, परमानंद कश्यप, राममूर्ति धर्माणी, छोटा राम, बंसी राम, राम चंद, सुरेंद्र कुमार, भाग सिंह, रामेश्वर दास, सुखदेव ने प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग से मांग की है कि स्वारघाट स्कूल में शीघ्र अध्यापकों की नियुक्ति की जाएं, ताकि बच्चों का भविष्य धूमिल न हो।
source: DivyaHimachal
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